बागपत जनपद की दिव्यांग आसमीन और 17 साल की सोनम को मारने वालों का न कलेजा कांपा और न हाथ। घरवालों ने आसमीन की लाश तक को नहीं अपनाया-
- न्यूज़
- Thursday | 5th December, 2019
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आए दिन अपनों द्वारा झूठी इज्जत के लिए बेटियों की निर्मम हत्या की जाती है।
पितृ सत्तात्मक समाज का यह वीभत्स चेहरा है जिसकी कोई सफाई नहीं है। सीना ताने लोग कहते हैं, गलत थी इसलिए मार दिया।
गलत और सही के पैमाने पर हमेशा बेटियां ही तौली जाती रहीं हैं।
आसमीन और सोनम, ये दो नाम बागपत के हैं लेकिन मेरठ मंडल में इनके जैसी अनगिन लड़कियां हैं।
कुछ की चीखें सुनाई दे जाती हैं तो कुछ खामोशी से दफन कर दी जाती हैं।नई बस्ती, बड़ौत की रहने वाली 40 वर्षीय आसमीन दिव्यांग थी।
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