जौहर यूनिवर्सिटी के भविष्य पर उठ रहे सवाल, डीएम की रिपोर्ट के बाद टेकओवर कर सकती है सरकार

संक्षेप:

मुरादाबाद: एडीएम (प्रशासन) की अदालत से जौहर यूनिवर्सिटी की 172 एकड़ जमीन को सरकार में निहित करने का फैसले के बाद से यूनिवर्सिटी के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। अदालत के फैसले के बाद डीएम पूरे मामले में शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।  माना जा रहा है कि डीएम की रिपोर्ट के बाद सरकार यूनिवर्सिटी को टेकओवर भी कर सकती है।

मुरादाबाद: एडीएम (प्रशासन) की अदालत से जौहर यूनिवर्सिटी की 172 एकड़ जमीन को सरकार में निहित करने का फैसले के बाद से यूनिवर्सिटी के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। अदालत के फैसले के बाद डीएम पूरे मामले में शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।  माना जा रहा है कि डीएम की रिपोर्ट के बाद सरकार यूनिवर्सिटी को टेकओवर भी कर सकती है।

जौहर यूनिवर्सिटी सपा सांसद आजम खां का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जौहर यूनिवर्सिटी का संचालन जौहर ट्रस्ट की ओर से किया जाता है, जिसके अध्यक्ष सांसद आजम खां हैं।  इसके अलावा आजम खां यूनिवर्सिटी के आजीवन चांसलर भी हैं। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि जौहर ट्रस्ट की ओर से तमाम अनियमितताएं बरती गईं हैं। ट्रस्ट की ओर से आज तक कोई भी रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय में जमा नहीं कराई गई है, जबकि नियम यह है कि प्रतिवर्ष अप्रैल माह में प्रगति रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी जानी चाहिए। 

इसके अलावा जमीन की खरीद में भी कायदे-कानून को नजरअंदाज किया गया है। जिन शर्तों के आधार पर सरकार ने 12.50 एकड़ से अधिक जमीन खरीदने की अनुमति दी थी, उसका पालन नहीं किया गया। इस वजह से एडीएम (प्रशासन) की कोर्ट ने शनिवार को यूनिवर्सिटी की 172 एकड़ जमीन को सरकार में निहित करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा शत्रु संपत्ति की जमीन को वक्फ का बताकर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल किए जाने का मुकदमा भी दर्ज है।  चकरोड की जमीन पर भी कब्जे और डीएम की अनुमति के बिना अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन खरीदने जैसे आरोप भी हैं। किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खां समेत अन्य पदाधिकारियों पर कई मुकदमे दर्ज हैं।

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जिलाधिकारी ने बताया कि जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर पूर्व में शिकायतें मिलने पर शासन को फरवरी में रिपोर्ट भेजी गई थी। अब फिर से रिपोर्ट भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला सरकार करेगी। माना जा रहा है कि मौजूदा हालात में जौहर यूनिवर्सिटी से नामांकित विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखने के लिए इसे सरकार टेकओवर कर सकती है।

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