ठीक एक साल पहले कासगंज में हुई थी हिंसा, जानिए, एक साल में क्या बदला ?

संक्षेप:

26 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी। इस हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के नाम पर प्रशासन ने एक चौक बनाने का फैसला लिया है। इस चौक का नाम चंदन चौक रखा जाएगा। साथ ही प्रशासन ने चंदन के परिवार में किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है। वहीं पिछली गलती से सबक लेते हुए इस बार उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं।

शहर में कानून-व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को ही मोर्चा संभाल लिया। कासगंज एसपी अशोक कुमार के मुताबिक करीब 85 पॉइंट को चिन्‍ह‍ित कर पुलिस बल की तैनाती की गई है। पीएसी की दो कंपनी और एक आरएएफ की कंपनी शामिल है। करीब 250 जवानों का फोर्स बाहर के जनपदों से बुलाया गया है। इससे पहले मृतक चंदन के पिता ने प्रशासन से तिरंगा यात्रा निकालने की इजाजत मांगी थी, लेकिन हालात बिगड़ने के अंदेशे में प्रशासन ने इजाजत देने से इनकार कर दिया।

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मृतक के परिजनों को पुलिस ग्राउंड में ही तिरंगा फहराने के लिए राजी कर लिया गया। इस मामले में पुलिस ने 8 मुकदमे दर्ज कर 40 आरोपियों की गिरफ्तारी की थी। कुल 121 से ज्‍यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. साथ ही पुलिस ने एक डीबीबीएल बंदूक, दो कारतूस, एक एसबीबीएल देशी, 4 कारतूस और 8 खोखा कारतूस बरामद किए थे। बेटे के मारे जाने के बाद चंदन के पिता न्याय के लिए धरने पर बैठ गए थे। इस दौरान कासगंज के डीएम समेत आला अधिकारी उन्हें 20 लाख का चेक देने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया।

आपको बता दें कि आज से ठीक एक साल पहले जब देश दिल्ली में राजपथ पर भारत की आन, बान और शान देख रहा था, उसी दौरान कासगंज में हिंसा की चिंगारी फैल गई। इसमें एक नौजवान की जान चल गई। इसके बाद पूरे शहर में खौफ का माहौल पैदा हो गया। सुबह करीब 10 बजे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े करीब 100 युवा बाइकों पर तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे।

इसी दौरान उनका काफिला बलराम गेट इलाके की तरफ पहुंचा। ये मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। यहां मौजूद नौजवानों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो जाती है। आरोप है कि ये कहासुनी वंदे मातरम कहना होगा और पाकिस्तान से जुड़े नारों को लेकर हुई। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच गहमागहमी इतनी बढ़ गई कि इलाके के लोग जमा होने लगे। कुछ मिनटों में बड़ी संख्या में बलराम गेट इलाके के लोग जमा हो गए। बाद में बाइकों पर आए छात्र नेताओं को वहां से भागना पड़ा।

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