जानिए क्यों उलझा मेरठ होटल में हुई मारपीट का मामला?

संक्षेप:

  • मेरठ में होटल में मारपीट का मामला
  • डॉक्टर ने उलझाया मामला
  • पुलिस अपने स्तर से कराएगी निष्पक्ष जांच: एसपी सिटी

मेरठ: मेरठ में एक होटल में दरोगा और महिला शराब पीकर गए या नहीं, इसको पुष्ट करना अब आसान नहीं है। डॉक्टर ने दरोगा की मेडिकल रिपोर्ट में लिखा कि अल्कोहल जैसी बात है। लेकिन पुष्टि फोरेंसिक लैब से कराई जाए। डॉक्टरों ने ब्लड सैंपल सील कर पुलिस को सौंप दिया। महिला ने ब्लड सैंपल देने से इंकार किया है, जिस कारण पुष्टि नहीं हो सकती कि महिला  नशे में थी। इसे लेकर पुलिस की जांच फंस गई है.

दरोगा सुखपाल सिंह और महिला के साथ होटल ब्लैक पेपर में हुए घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने पर घमासान मचा हुआ है। दरोगा की पिटाई करने के आरोपी भाजपा पार्षद (होटल मालिक) और उसके कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि दरोगा और महिला शराब पीकर होटल में आए थे। पुलिस ने दरोगा व महिला का मेडिकल परीक्षण जिला अस्पताल में कराया था। ये मेडिकल रिपोर्ट उलझ गई हैं। क्योंकि मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉ. धीरज कुमार ने इसकी जांच कराने का जिम्मा भी पुलिस के पाले में डाल दिया है।

डॉ. धीरज कुमार की रिपोर्ट में लिखा कि दरोगा के शरीर में अल्कोहल जैसी बात है। लेकिन जरूरी नहीं है कि वह शराब के सेवन की हो। उनका ब्लड सैंपल सील कर कंकरखेड़ा पुलिस को सौंपा है, जिसकी आगरा या गाजियाबाद फोरेंसिक लैब से जांच कराई जाए। रिपोर्ट में जिक्र है कि महिला ने ब्लड सैंपल देने से इंकार किया था, उसके चलते उनके शराब पीने की पुष्टि नहीं हो सकती। सील कराया गया दरोगा का ब्लड सैंपल कंकरखेड़ा थाने में रखा हुआ है। उल्लेखनीय है कि पुलिस की तरफ से पहले कहा गया था कि महिला और दरोगा ने शराब नहीं पर रखी थी। वहीं दरोगा के सील किए गए ब्लड सैंपल की जांच कैसे होगी, यह पुलिस पर निर्भर हैं। पार्षद पक्ष के लोगों का कहना कि पुलिस जांच को प्रभावित करेगी।

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कंकरखेड़ा बाईपास स्थित होटल ब्लैक पेपर में शुक्रवार को हुए बखेड़े में होटल मालिक भाजपा पार्षद मनीष पंवार के जेल जाने के बाद उसके दोनों साले पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े। पूरे प्रकरण में सीओ दौराला पंकज सिंह और कंकरखेड़ा पुलिस ने होटल में पहुंचकर जांच पड़ताल की। जांच में सामने आया कि होटल में सीसीटीवी कैमरे तो लगे थे। लेकिन कैमरे की डीवीआर नहीं मिली। सीओ ने होटल के मैनेजर को नोटिस भेजकर इसका जवाब मांगा है।

इस पूरे घटनाक्रम में सामने आईं वीडियो फुटेज में मुख्य आरोपी मनीष पंवार निवासी गांव दांतल हाल पता श्रद्घापुरी के अलावा उसके दो साले अरुण चौधरी और संदीप निवासी गांव सोहरका परतापुर पहचाने गए थे। इस बवाल के कंकरखेड़ा थाने में दो केस दर्ज कराए गए थे। इनमें एक मोहिउद्दीनपुर चौकी इंचार्ज सुखपाल सिंह पंवार की तरफ से होटल मालिक मनीष और छह अन्य के खिलाफ मारपीट करने, धमकी देने, बंधक बनाकर सरकारी पिस्टल छीनने व डकैती की धारा में केस दर्ज कराया था। अगले दिन दरोगा सुखपाल पंवार को लाइन हाजिर कर दिया गया था। दूसरा मुकदमा होटल में दरोगा के साथ मौजूद महिला की तरफ से होटल मालिक व अन्य के खिलाफ डकैती और छेड़छाड़ की धारा में दर्ज कराया था। दोनों ही मुकदमों की विवेचना उप निरीक्षक रविंद्र सिंह द्वारा की जा रही है। 

सीओ दौराला पंकज सिंह ने बताया कि वह विवेचक के साथ होटल में जांच करने पहुंचे थे। जांच में सामने आया कि होटल में सीसीटीवी कैमरे लगे थे। घटना के बाद शुक्रवार रात करीब नौ बजे पुलिस मौके पर पहुंची तो सबसे पहले पुलिस ने कैमरे की डीवीआर देखी। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर होटल मालिक, मैनेजर या अन्य कर्मचारियों द्वारा निकाल ली गई थी। सीओ का कहना है कि इस मामले में होटल मालिक के नाम से मैनेजर को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें जवाब मांगा गया है कि होटल में कैमरे होने के बाद डीवीआर आखिर कहां गई।  डीवीआर पुलिस को उपलब्ध कराई जाए। डीवीआर मारपीट प्रकरण के बाद कर्मचारियों ने निकाली या फिर पहले से नहीं थी यह भी होटल कर्मचारियों की तरफ से साजिश लग रही है। सीसीटीवी कैमरे चालू हालत में क्यों नही थे, यह भी होटल मालिक की बड़ी लापरवाही है।

बयान के साथ मोबाइल की जांचसीओ दौराला का कहना है कि होटल मालिक मनीष जेल जा चुका है। वहीं उसके दोनों साले अरुण और संदीप की तलाश की जा रही है। अन्य कर्मचारियों को पुलिस के सामने बयान दर्ज कराने होंगे। पुलिस जांच में सामने आया कि वीडियो में होटल मालिक खुद कह रहा है कि मोबाइल से वीडियो बनाओ जिसके बाद कर्मचारी ने वीडियो बनाई और उसे वायरल किया। पुलिस के पास सात अलग-अलग वीडियो फुटेज हैं जिनकी जांच की जा रही है। कर्मचारियों ने जो वीडियो बनाईं, उनके मोबाइल फोन की फोरेंसिक एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी।

होटल ब्लैक पेपर प्रकरण में पूरे घटनाक्रम पर विचार विमर्श करने के लिए मेरठ  बार एसोसिएशन की प्रबंध समिति की बैठक आज मंगलवार को बुलाई गयी है। मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि प्रबंध समिति की बैठक सोमवार को तय गई थी। लेकिन मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह जानी की तबियत खराब होने के कारण यह बैठक मंगलवार के लिए स्थगित कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि प्रबंध समिति की बैठक में दरोगा के साथ मारपीट और महिला अधिवक्ता के मामले में वीडियो फुटेज व पूरे घटनाक्रम को रखकर विचार किया  जाएगा। उसके बाद रणनीति तय की जाएगी।

एसपी सिटी रणविजय सिंह का कहना है कि दरोगा और महिला का मेडिकल करने वाले डॉक्टर ने मामले को उलझा दिया है। दरोगा और महिला की मेडिकल रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं लिखा। पुलिस को सैंपल दिए हैं कि वह खुद फोरेंसिक लैब से जांच कराए। पुलिस अपने स्तर से निष्पक्ष जांच कराएगी।

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