रमजान के महीने में यह पाकिस्तानी प्रोडक्ट खूब लुभा रहा यहां के रोजेदारों को
- न्यूज़
- Thursday | 24th May, 2018
केपी त्रिपाठी, मेरठ। भारत और पाकिस्तान का नाम आते ही देनों देशों के दुश्मनी का खाका दिलोदिमाग में खिंच जाता है।
राजनैतिक और सरहदी तौर पर दोनों देश भले ही एक-दूसरे के दुश्मन बने हो, लेकिन आज भी कारोबार और त्योहार मनाने के तौर-तरीके दोनों देश के एक जैसे ही हैं।
राजनैतिक परिस्थितियों और अंग्रेजों ने हिन्दुस्तान की आजादी के दौरान जो सरहद खींच दी उसकी लकीरें बीते समय के साथ गहरी होती चली गई, लेकिन मजहब और धर्म को मानने वाले सरहद के इस पार भी हैं और उस पार भी।
तभी तो मेरठी रोजेदारों का पाकिस्तानी मिसवाक भा रही है।
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रोजे के दौरान पाकिस्तानी मिसवाक बढ़ती है मांग
मेरठ के कोतवाली, घंटाघर समेत कर्इ जगहों पर पाकिस्तानी मिसवाक की अधिक डिमांड रहती है।
व्यापारी नौशाद अहमद कहते हैं कि वैसे तो पाकिस्तानी मिसवाक की बिक्री आमूमन आम दिनों में भी होती है, लेकिन रमजान के दिनों में इस मिसवाक की बिक्री बढ़ जाती है।
वह प्रतिदिन 100 से 150 पाकिस्तान मिसवाक बेच लेते हैं।
पाकिस्तान से आने वाली दातून 'पीलू' नाम की लकड़ी की बनी होती है।
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