किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा– सरकार के हठधर्मिता के सामने नहीं झुकेंगे किसान

संक्षेप:

  • मेरठ में नरेश टिकैत ने किया प्रेस वार्ता
  • सरकार को हटधर्मिता दी छोड़ने की सलाह
  • कृषि बिल वापसी करें सरकार, नही तो चलता रहेगा आंदोलन

मेरठ- उत्तर प्रदेश के बागपत में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के सामने किसान नहीं झुकेंगे। सरकार चाहे कितना ही तानाशाही पूर्ण रवैया किसानों के प्रति क्यों न अपना ले। किसान सरकार के तीन कृषि कानून वापस लेने पर ही घर लौटेंगे।

गुरुवार को तमेलागढ़ी गांव में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि "सरकार किसानों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रही है। सरकार यह तीनों काले कृषि कानून किसानों की बर्बादी के लिए लाई है। सरकार को भी पता है कि ये कृषि कानून किसान विरोधी हैं, लेकिन कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए आम जनता के हितों की अनदेखी कर रही है। सरकार चाहे गोली ही क्यों न चलवा दे, लेकिन किसान धरना शांतिपूर्ण जारी रखेंगे। इसके लिए चाहे कितना ही समय क्यों न लग जाए। किसान खेत पर कार्य भी करता रहेगा और धरने पर भी पहुंचता रहेगा।"

उन्होंने आगे कहा कि सरकार चाहती है किसानों में फूट डालकर इन्हें धरने से उठवा लेगी, लेकिन सरकार इस गलतफहमी में न रहे। किसान किसी भी कीमत पर मांगे पूरी कराए बिना धरने से वापस नहीं लौटेंगे। किसान को कमजोर समझने की भूल न करे। किसान अपनी बात के लिए अडिग रहना जानता है।

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और उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि कृषि कानून पर सरकार को चाहिए कि किसानों की जानकारी रखने वाले लोगों को मध्यस्थता में लाए। मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक के किसान के हित में दिए बयान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को सरकार बीच में लाए। ये किसान का दर्द समझते हैं।

इसके बाद नरेश टिकैत तमेलागढ़ी निवासी विक्रम सिंह के आवास पर पहुंचे। यहां उनके शिक्षक पुत्र विनेश कुमार के लापता होने के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर सुरेश राणा, आनंद छिल्लर, देवेंद्र सिंह, राजीव कुमार, संजय आदि मौजूद रहे।

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