NYOOOZ Interview: जानिए, कैसे ‘हंटर वाली’ बनी ‘मिस मेरठ’

संक्षेप:

  • मेरठ में कनिका तोमर ‘हंटर वाली’ नाम से मशहूर
  • खेल के क्षेत्र में जीते कई मेडल और ट्राफियां
  • मिस मेरठ प्रतियोगिता में जीता खिताब

मेरठः मेरठ में पली बढ़ी कनिका तोमर को लोग हंटर वाली के नाम से भी जानते हैं। उनकी कद काठी कुछ ऐसी है कि पहली नजर में लोग उन्हें पुलिस अफसर ही समझेगें। फिट और तंदरूस्त कनिका तोमर ने खेल के क्षेत्र में ऐसे झंडे फहराए है कि अभी तक मेरठ की कोई भी महिला एथलिट उनका रिर्कोड नहीं तोड़ पाई है। 12 सालों तक लगातार उन्होने खेल के क्षेत्र में मेडल प्राप्त कर कई ट्राफियां अपने नाम की।

लंबे समय तक खेल के क्षेत्र में सक्रिय रहने के कनिका तोमर के हौंसले को सलाम करते हुए प्रदेश सरकार ने भी उन्हें सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्हें मेरठ रत्न के अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। वहीं, कनिका अब खुद का बिजनेस करती हैं, जिसकी पहचान मेरठ की नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी है। इसके साथ ही आपको बता दें कि कनिका तोमर बॉलीवुड स्टार दीप्ति भटनागर की बड़ी बहन हैं। 

सवाल-  कनिका जी !..  आपका बचपन कैसा बीता ?

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जवाब- हमारा परिवार मेरठ से ही ताल्लुक रखता है। घर में हम चार बहनें है.. मैं तीसरे नंबर पर हूं.. मेरी दोनो बड़ी सिस्टर्स अपना बिजनेस करती है। वहीं, छोटू बहन दीप्ति भटनागर को तो सभी जानते ही हैं वो बॉलीवुड में मेरठ का नाम रोशन कर चुकी है। बचपन से ही में धुन की पक्की थी, बचपन में ही सोच लिया था कि मुझे एथलीट बनना है। स्कूल में होने वाले सभी खेलो में मैं पार्टिसिपेट करती थी।

100 मीटर, 200 मीटर रेस में मैं माहिर थी और धीरे-धीरे अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हुए स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर कई प्रतियोगिताओं मे मैंने हिस्सा लिया और अपने शहर का नाम रोश किया। शुरू से ही मै अपना पूरा समय खेलने में बिता ती थी और पैरेंटस ने हमेशा मेरा पूरा सर्पोट किया और अगर अपने पैरेंटस को कभी बेटे की कमी नहीं खलने दी। अपनी बहनों के लिए मैं टॉम ब्वॉय थी और आप यकीन मानिएगा उस समय लोग मुझे हंटर वाली के नाम से जानते थे, क्योंकि एक बार मैनें एक चोर की जमकर हंटर से पिटाई की थी.. जो अखबारों की सुर्खियों में भी आया था।

सवाल- खेल की दुनिया से निकलकर फैशन की और रूख कैसे किया ? आपका मिस मेरठ बनना कैसे टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ ?

जवाब- र्स्पोट्स में अपनी दबंगई दिखाने के साथ ही मैने कुछ अलग हटकर करने के लिए फैशन की दुनिया में कदम रखा और 1982 में मिस मेरठ की दौड़ में शामिल हो गई। अपनी बुद्धि और कौशल के दम पर 1982 में मिस मेरठ का खिताब अपने नाम किया और उस समय इस तरह की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना बहुत बड़ी बात होती थी। मेरी छोटी बहन दीप्ति कॉलेज में आ चुकी थी मेरी फोटोज देखकर वो भी चाहती थी कि मेरा भी नाम ऐसा ही हो और नेक्सट ईयर उसने मिस मेरठ प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट किया और खिताब अपने नाम किया। जिसके बाद मैने अपना करियर र्स्पोटर्स में जारी रखा और दीप्ति मुंबई चली गई। 

सवाल- खेल से फैशन की दुनिया और फिर अपना बिजनेस कैसा सफर रहा ?

जवाब- दरअसल, मैं अपने दोस्तो के साथ मसूरी एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने गई थी वहां पर मेरी मुलाकता संजय से हुई और पता ही नहीं चला कि कब हमें प्यार हो गया। कुछ समय रिलेशनशिप में रहने के बाद परिजनों से बातचीत के बाद शादी हो गई। शादी के बाद मैं संजय के साथ ऑस्ट्रेलिया चली गई.. वहां पर अधिकतर समय में खाली रहती थी तो वहा

मैने देखा कि वहां कुंदन के कड़े, ईयरिंग और अन्य ज्वैलरी बनती थी। वहां कुछ समय मैने काम भी किया। हमे किसी कारण से इंडिया वापिस आना पडा.. लेकिन मैं वहां से खाली हाथ नहीं लौटी। वहां जो मैनें सिखा उसे यहां पर अप्लाई किया और खुद का बिजनेस शुरू किया। आज हम कुंदन की ज्वैलरी बनाने के साथ ही सिंपल कड़ो को भी डिजायन कराते हैं।

ये कडे एंटिक होने के साथ ही शाही अहसास भी दिलाते हैं और जब आप इन्हें पहनकर कहीं निकलते हैं तो एक अलग ही लुक नजर आता है। डील हम सिर्फ मेरठ में ही नहीं करते बल्कि आसपास के राज्यों में भी करते हैं मेरे इस काम में 18 महिलाएं हाथ बटाती हैं.. जिससे उन्हें उनका परिवार चलाने में भी मदद मिलती है।

सवाल- आपने कुछ समय प्रोडेक्शन हाउस के लिए भी काम किया ?

जवाब- दीप्ति बॉलीवुड स्टार थी जब दीप्ति ने स्टार के शो यात्रा के लिए काम किया तो मैं दीप्ति के साथ जाती थी उसको क्या पहनना है कैसे कैरी करना है वो सभी मैं डिसाइड करती थी इसके बाद दीप्ति और मैने सब टीवी के लिए वुमेन बेस्ड शो डिजाइन किया जिसका नाम था ‘हैप्पी हाउस वाईफ‘ इस शो के काफी एपिसोड हमने मेरठ में भी शूट किए।

सवाल- NYOOOZ के माध्यम से मेरठवासियों को क्या कहना चाहेगीं?

जवाब- बींग ए लेडी मैं शहर की लेडीज को यही कहना चाहूंगी कि खुद के लिए समय निकाले। सिर्फ टीवी पर सास बहू के  शो न देखे बल्कि खुद के लिए टाइम निकाले जो आपको अच्छा लगता है वो करें। इसके साथ ही सोशल साइटस पर भी अपडेट रहें इससे आपको ये फायदा होगा कि दुनिया में क्या चल रहा है और आपके बच्चे क्या कर रहे हैं इसका भी आपको काफी हद तक पता चल पाता है।

थोड़ा समय छोटे बच्चों और बुजुर्ग लोगो के साथ भी बिताए इससे आपको खुशी मिलेगी। कनिका स्वभाव से जिददी जरूर हैं लेकिन दिल की बहुत सॉफ्ट है। अपनी सैंकेंड इनिंग में वो ओलंपिक में हिस्सा लेकर न केवल मेरठ बल्कि देश का नाम रोशन करना चाहती हैं इसके लिए बकायदा कनिका ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं।

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