ओडीएफ घोषित हुआ था मेरठ, लेकिन लापता हो गए 40 शिक्षक

संक्षेप:

  • स्वच्छता अभियान में लापता हो गए 40 शिक्षक
  • जिला ओडीएफ घोषित होने के बाद भी स्कूलों में नहीं लौटे शिक्षक
  • स्वच्छ भारत अभियान के तहत करना था आमजन को जागरूक

मेरठः ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित मेरठ आठ माह पूर्व हो चुका है। इस उपलब्धि के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ बकायदा तत्कालीन डीएम समीर वर्मा को सम्मानित भी कर चुके हैं। अभियान के तहत आमजन को जागरूक करने के लिए भेजे गए 40 शिक्षक आज भी `लापता` हैं। इन शिक्षकों का वेतन भी खाते में जा रहा है, लेकिन हर माह करीब 15 लाख का घाटा झेल रहा बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए जरा भी फिक्रमंद नहीं है।

केंद्र सरकार की महत्वाकाक्षी योजना `स्वच्छ भारत मिशन` के तहत आमजन को स्वच्छता की सीख देने के लिए वर्ष 2016 में बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले के 40 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई थी। इसके लिए पहले शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया और पंचायती राज विभाग से अटैच कर दिया गया।

दो अक्टूबर 2017 को मुख्यमंत्री ने लखनऊ में समारोह के दौरान मेरठ जनपद को ओडीएफ घोषित किया था। अभियान की सफलता पर संबंधित अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया था। लेकिन 40 शिक्षक अभी तक स्कूलों में लौटकर नहीं आए हैं। अन्य शिक्षकों द्वारा डीएम और कमिश्नर से इसकी शिकायत भी की जा चुकी है। लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

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शिक्षामित्रों के सहारे स्कूल

शिक्षकों की कमी के चलते जिले के करीब दो दर्जन स्कूल एकल शिक्षक हैं। जिसमें शिक्षक से अधिक शिक्षामित्र बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। पिछले दिनों शिक्षामित्रों के आंदोलन के चलते जिले के एकल शिक्षक वाले अधिकांश स्कूलों पर ताला भी लटक गया था।

कई बार हुई शिकायत, कुछ न हुआ

शिक्षा विभाग से जुडे़ कई लोगों ने इस मामले में शिकायत बडे़ अधिकारियों से की। शिक्षा विभाग के अफसरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया है कि स्वच्छ भारत अभियान में लगे शिक्षकों का काम कई माह पहले ही समाप्त हो चुका है। लेकिन विभागीय मिलीभगत के चलते शिक्षक अभी भी स्कूल से दूर ही है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी सतेंद्र कुमार का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान में लगाए गए कुछ शिक्षक स्कूलों में भी शैक्षिक कार्य कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर लोगों को प्रेरित करने के लिए भी चले जाते हैं। नए शैक्षिक सत्र में सभी शिक्षक स्कूलों में तैनात होंगे। जिलाधिकारी अनिल ढींगरा का कहना है कि जिले के खुले में शौच मुक्त होने के बाद भी शिक्षकों के इस प्रकार गायब होने की जांच कराई जाएगी।

 

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