शीतल ने चौ. चरण सिंह विवि में सीखा कुश्ती का ककहरा

संक्षेप:

  • शीतल ने कुश्ती चौ. चरण सिंह विवि में सीखा कुश्ती का ककहरा
  • मेरठ की रहनी वाली हैं पहलवान शीतल
  • कई पदक को किया अपने नाम

मेरठः चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुश्ती हाल से कुश्ती का ककहरा सीखने वाली शीतल तोमर के खाते में 20 से अधिक नेशनल पदक और दस से अधिक इंटरनेशनल पदक जीतने का रिकार्ड हैं। भारत केसरी और महिला चंबल केसरी का खिताब जीतने वाली शीतल की उपलब्धि को देखते हुए उसे राजस्थान सरकार ने प्लाटून कमांडर बनाया है।

मेरठ के पंचगांव की रहने वाली शीतल छोटे कद की है। कुछ साल पहले जब उसने कुश्ती के लिए कदम बढ़ाया तो उसके छोटे कद को लेकर लोगों ने टिप्पणी की थी। वह कुश्ती नहीं लड़ पाएगी। शीतल ने लोगों की बातों की परवाह नहीं की। अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर दिया।

जबर सिंह सोम की देखरेख कुश्ती लड़ना शुरू किया

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विवि के कुश्ती हाल में जबर सिंह सोम की देखरेख कुश्ती लड़ना शुरू किया। कुश्ती की स्पर्धाओं में उतरने के साथ नोएडा कालेज आफ फिजिकल एजुकेशन से बीपीएड किया है। पढ़ाई के साथ चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुश्ती हाल में पिछले नौ साल से पसीने बहाने वाली शीतल के खाते में अनगिनत उपलब्धियां हैं। शीतल ने तुर्किस्तान में सीनियर एशियन इंडोर मार्शल आ‌र्ट्स टूर्नामेंट में कजाकिस्तान सहित कई पहलवानों को हराकर ब्रोंज मेडल जीता।

गीता फोगाट की बहन रितू फोगाट को हराया

गीता फोगाट की बहन रितू फोगाट को सबसे पहले शीतल तोमर ने कुश्ती के मैदान में पटखनी देकर विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में दम दिखाया। आल इंडिया यूनिवर्सिटी में पदक। शीतल तोमर ने कुश्ती में वर्ष 2009 में प्रवेश किया, और उसी साल सब जूनियर नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रोंज मेडल लेकर जीता।

फिर आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी रेशलिंग चैंपियनशिप, जूनियर नेशनल रेशलिंग चैंपियनशिप, सीनियर नेशनल रेशलिंग चैंपियनशिप, जूनियर नेशनल रेशलिंग चैंपियनशिप, भारत केसरी भारत कुमारी रेशलिंग चैंपियनशिप, आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी सहित कई नेशनल स्पर्धाओं में पदक जीता। विवि का नाम रोशन किया

थाईलैंड में जाकर ब्रोंज मेडल जीता

शीतल तोमर को जब कुश्ती में कदम बढ़ाया तो पहले साल इंटरनेशनल में उसे पदक नहीं मिला, लेकिन उसने हार नहीं माना और जूनियर एशियन रेशलिंग चैंपियनशिप में थाईलैंड में जाकर ब्रोंज मेडल जीता। बुलगारिया में आयोजित जूनियर व‌र्ल्ड रेशलिंग चैंपियनशिप में शीतल ने पांचवां स्थान हासिल किया। तुर्किस्तान में सीनियर एशियन इंडोर मार्शल आर्ट गेम्स में ब्रोंज पदक जीतकर विश्वविद्यालय सहित पूरे मेरठ और यूपी का नाम रोशन किया।

कभी हार नहीं मानी

शीतल के कोच जबर सिंह कहते हैं कि शीतल के पिता आज इस दुनिया में नहीं हैं। बाप का साया न होने के बाद भी शीतल ने अपने हौसले को नहीं छोड़ा, शुरू में लोगों के ताने को छोड़ते हुए उसने लगातार मेहनत जारी रखा, और एक करके पदकों की झड़ी लगा दी।

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