उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मेरठ के 10 लोग लापता, कर रहे थे टॉवर पर काम

संक्षेप:

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब में मेरठ से गए दस लोग लापता हैं। यह सभी तपोवन से करीब 18 किमी उपर सरायसोटा में मोबाइल टावर लगाने का कार्य कर रहे थे। सभी कर्मचारी टावर में इलेक्ट्रिकल संबंधी कार्य कर रहे थे।

मेरठ: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आए सैलाब में मेरठ से गए दस लोग लापता हैं। यह सभी तपोवन से करीब 18 किमी उपर सरायसोटा में मोबाइल टावर लगाने का कार्य कर रहे थे। सभी कर्मचारी टावर में इलेक्ट्रिकल संबंधी कार्य कर रहे थे।

पिछले चार माह से सरायसोटा में टावर का कार्य चल रहा था। वहीं सहारनपुर के भी तीन लोगों के लापता होने के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। स्वजनों से कर्मचारियों की अंतिम बात रविवार सुबह दस बजे हुई थी। जिसके बाद से सभी के मोबाइल नंबर बंद और नेटवर्क एरिया से बाहर हैं। स्वजनों ने उत्तराखंड सरकार के जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर पूरी जानकारी नोट कराई है। लेकिन अभी तक किसी के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

टॉवर का काम कराने के लिए मेरठ का एक ठेकेदार इनको बुलाकर ले गया था। इसमें से चार मेरठ के बताए जा रहे हैं। जबकि पांच अमरोहा व एक नजीबावाद के निवासी हैं। इस हादसे से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। जिला प्रशासन से इनकी बात हो रही है।

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मेरठ के चार लोगों में रोहित प्रजापति (22) पुत्र जगबीर सिंह, प्रदीप (24) पुत्र लक्ष्मण, बालकराम (25) पुत्र शेर सिंह व अतुल (21) पुत्र सक्कू हैं। ये सभी आजाद नगर मोहल्ला, कसेरूखेडा थाना गंगानगर में रहते हैं। वहीं सुभाष (41) नजीबाबाद का रहने वाला है।

इसके अलावा अमरोहा के पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। इनमें से रोहित (28) पुत्र महेंद्र, महीपाल (35) पुत्र जयपाल सिंह, कवेंद्र सिंह (25) पुत्र जयपाल सिंह, थान सिंह (45) पुत्र राम स्वरूप, सनी दत्त (24) हैं। ये सभी ग्राम सौंथ, थाना - सैद नंगली, तहसील- हसनपुर, जिला अमरोहा के निवासी हैं। कुल मिलाकर अबतक 10 लोगों के लापता होने की सूचना है, जो मेरठ से गए हुए थे।  

कसेरूखेड़ा खटकाना पुल के आजाद नगर मोहल्ला निवासी सौरभ प्रजापति ने बताया कि वह जियो कंपनी के अंतर्गत टावर लगाने का कार्य करते हैं। मेरठ से दस लोग उत्तराखंड के तपोवन में 18 किमी उपर सरायसोटा में टावर लगाने का कार्य कर रहे हैं। चार फरवरी को मेरठ से रवाना होने के बाद सभी लोग 6 फरवरी को उत्तराखंड पहुंच गए थे। सौरभ ने बताया कि जियो ने एचएफसीएल को काम करने की जिम्मेदारी दे रखी है और एचएफसीएल ने उन्हें काम सौंप रखा है।

सौरभ ने उत्तराखंड सरकार के जारी किए हेल्पलाइन नंबरों पर लापता कर्मचारियों की तलाश के लिए गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक किसी के संबंध में कोई सुराग नहीं लगा है। लापता कर्मचारियों के परिवारों के सदस्य परेशान होकर उत्तराखंड में अपने सपंर्कों को फोन कर तलााश् करने में सहायता मांग रहे हैं।

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