उत्तर प्रदेश के देवबंद से गिरफ्तार हुए जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकियों को कश्मीर से हो रही थी फंडिंग

संक्षेप:

  • जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकियों को कश्मीर से हो रही थी फंडिंग
  • दोनों आतंकियों के खाते में आ रहा था पैसा
  • तीन माह के दौरान 20 से ज्यादा बार पैसा आने की जानकारी

मेरठ: यूपी एटीएस ने उत्तर प्रदेश के देवबंद से गिरफ्तार किए जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकियों की कश्मीर से फंडिंग हो रही थी.  जांच में यह पता चला है कि कश्मीर से लगातार पैसा दोनों आतंकियों के खाते में आ रहा था. दो खातों की तस्दीक हो गई है. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि टेरर फंडिग से जुड़े कुछ और खाते भी हो सकते हैं. एटीएस की एक टीम जांच के सिलसिले में कश्मीर जाने की तैयारी में है.

22 फरवरी को एटीएस आईजी असीम अरुण ने देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध आतंकी शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक को गिरफ्तार किया था. दोनों जम्मू कश्मीर में कुलगाम और पुलवामा के रहने वाले हैं. जैश ने उन्हें यहां नई भर्ती करने के लिए भेजा था. उनसे जैश के वीडियो, फोटो और र्चैंटग मिली थी. दोनों आतंकियों को पुलवामा हमले की जानकारी पहले से होने की जानकारी भी सामने आई है. दोनों संदिग्ध आतंकी फिलहाल दस दिन की पुलिस रिमांड पर हैं. पूछताछ में इनसे लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं.

एटीएस सूत्रों ने बताया कि जैश आतंकियों के दो खाते मिले हैं. इनकी पासबुक मिल गई है. दोनों ही खाते कश्मीर के एक बैंक में खुले हैं. इन खातों में पिछले तीन माह के दौरान 20 से ज्यादा बार पैसा आने की जानकारी हुई है. कश्मीर से ही लगातार यह रकम इन खातों में भेजी गई है. रिमांड के दौरान एटीएस की एक टीम दोनों आतंकियों को कश्मीर लेकर भी जाएगी. यहां उनसे टेरर फंडिग से जुड़े सवालों पर पूछताछ होगी. कश्मीर में जहां से रकम ट्रांसफर हुई है, वहां पहुंचकर भी सुरक्षा एजेंसियां जांच कर सकती हैं. बैंक की सीसीटीवी फुटेज से यह पता चल सकता है कि आतंकियों के खाते में रकम ट्रांसफर करने वाला कौन था. यह भी पता करने का प्रयास किया जा रहा है कि आतंकियों के कुछ और बैंक खाते तो नहीं हैं, जिनमें टेरर फंडिग हो रही थी.

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मोबाइल में विशेष एप में कुछ मैसेज सेव मिले. इनसे एटीएस को पता चला कि कुछ हथियारों के मूवमेंट के बारे में लिखा था. पर, इनमें कई बातें कोड के रूप में थी. इस बारे में भी दोनों  संदिग्ध आतंकियों ने ज्यादा मुंह नहीं खोला. एटीएस इन्हें डिकोड करने का प्रयास कर रही है. मैसेज में किसी साजिश की तैयारी जैसी बात भी लग रही है.एटीएस इस बारे में ज्यादा नहीं बता रही है. 

पूछताछ में पता चला था कि दोनों ने गिरफ्तारी वाली रात यानी 14 फरवरी को देवबंद के छात्रावास में कुछ खास लोगों को पार्टी दी थी. पार्टी में कौन लोग थे, एटीएस ने इस बारे में काफी पूछताछ की. एटीएस ने पूछा कि एटीएस से तीन हजार रुपये क्यों निकाले थे. दोनों ने पार्टी करने की बात कही थी. अब एटीएस यह पता कर रही है कि पार्टी में कौन खास लोग आये थे और इनका क्या मकसद था.

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