स्वतंत्रता दिवस 2018: पीएम मोदी के भाषण की ये है 5 बड़ी बातें...

संक्षेप:

  • 72वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न
  • पीएम मोदी ने लाल किले से किया संबोधित
  • प्रधानमंत्री के तौर पर उनके पहले कार्यकाल का आखिरी भाषण था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। आज पूरा हिंदुस्तान जश्न-ए-आजादी मान रहा हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी का ये लाल किले की प्राचीर से आखिरी भाषण है। यह भाषण इसलिए भी खास था क्योंकि यह प्रधानमंत्री के तौर पर उनके पहले कार्यकाल का आखिरी भाषण था। इस मौके पर पीएम ने देश को आत्मविश्वास से भरा हुआ बताया। जानें, पीएम मोदी के इस खास भाषण की 5 बड़ी बातें...

  1. पीएम मोदी ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने 100 से अधिक सैटलाइट छोड़े हैं। अब देश का मानव सहित अंतरिक्ष में जाने का लक्ष्‍य है। वर्ष 2022 तक या उससे पहले यानी आजादी के 75वें वर्ष में भारत का कोई नागरिक अंतरिक्ष में जाएगा। उनके हाथ में तिरंगा होगा। इसके साथ ही भारत मानव को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाला देश बन जाएगा।
  2. केंद्र सरकार आरोग्‍य योजना शुरू करने जा रही है। 10 करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपये तक इलाज की सुविधा मिलेगी। आने वाले 5 से 6 सप्‍ताह के अंदर इस तकनीक का परीक्षण देशभर में शुरू होगा। परीक्षण के दौरान इसकी कमियों को दूर किया जाएगा। इसके बाद 25 सितंबर को पंडित दीन दयाल की जयंती पर प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य अभियान शुरू हो जाएगा। इससे गरीबों को अच्छा और सस्‍ता इलाज मिलेगा और बड़ी संख्‍या में अस्पताल बनेंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा। इस योजना से करीब 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा।
  3. जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक इकाइयों को और मजबूत करने के लिए लंबे समय से टल रहे पंचायत और निकाय चुनाव भी जल्द कराए जाने की तैयारी चल रही है। जम्मू-कश्मीर के लिए अटल बिहारी वाजपेयी का आह्वान था- इंसानियत, कश्मीरियत, जम्हूरियत। मैंने भी कहा है, जम्मू-कश्मीर की हर समस्या का समाधान गले लगाकर ही किया जा सकता है। हमारी सरकार जम्मू-कश्मीर के सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
  4. तीन तलाक की कुप्रथा के कारण मुस्लिम महिलाओं को अन्‍याय का सामना करना पड़ा है। सरकार इसे खत्‍म करने का प्रयास कर रही है लेकिन तीन तलाक बिल को कुछ लोग पारित नहीं होने दे रहे हैं। मैं मुस्लिम महिलाओं और बेटियों को विश्‍वास दिलाता हूं कि उन्हें न्‍याय दिलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ूगा।
  5. बलात्‍कार की शिकार बेटी को जितनी पीड़ा होती है, उससे लाखों गुना हमें होती है। इस राक्षसी मनोवृति से देश को मुक्‍त कराना होगा। पिछले दिनों में मध्‍य प्रदेश के कटनी में बलात्‍कारियों को पांच दिन में सजा सुना दी गई है। राजस्‍थान में ऐसा ही हुआ है और राक्षसी वृत्ति की मानसिकता को फांसी की सजा हुई है। हमें इसे प्रचारित करना होगा और इस विकृति पर हमला करना होगा। कानून का शासन होना चाहिए। कानून का शासन सर्वोच्‍च है और किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।

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