मुरादाबाद: मुरादाबाद समेत लखनऊ और दिल्ली मंडल की ट्रेनों में पानी, गंदगी की समस्या बढ़ी, सात हजार पांच सौ 52 शिकायतें आईं

संक्षेप:

  • ट्रेनों में पानी और गंदगी को लेकर परेशानी बढ़ी
  • लखनऊ मंडल शिकायतों के मामले में पहले स्थान पर
  • दो वर्षों में कुल सात हजार पांच सौ 52 शिकायतें आई हैं

मुरादाबाद । रेलवे में ट्रेनों की सर्विस या गंदगी को लेकर शिकायतों का दौर काफी पहल से चला आ रहा है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारतीय रेलवे कि कुछ ट्रेनों को लेकर पिछले दो साल में कुल सात हजार पांच सौ 52 शिकायतें सामने आई हैं. यह आंकड़ा रेलवे के लिए शर्म की बात है कि इतने ज्यादा यात्रियों को सफर के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा.

उत्तर रेलवे के मुरादाबाद, दिल्ली और लखनऊ मंडल की ट्रेनों में पानी और गंदगी को लेकर सबसे ज्यादा समस्याएं दर्ज हुई हैं।

इनमें में 22 सौ से अधिक शिकायतें सिर्फ मुरादाबाद मंडल की हैं। जबकि लखनऊ मंडल शिकायतों के मामले में पहले स्थान पर है।

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इन माध्यमों से मिली शिकायतें

ये शिकायतें रेलवे को रेल मदद एप, हेल्पलाइन 139, ट्विटर, डाक और ट्रेन के स्टाफ के माध्यम से प्राप्त हुई हैं। पानी और गंदगी की शिकायतों को भी अलग-अलग करें तो 49 फीसदी गंदगी की शिकायतें, 37 फीसदी शिकायतें पानी गंदा होने या कोच में पानी न होने की और शेष अन्य शिकायतें हैं। अच्छी बात यह है कि इन्हें दूर करने के लिए रेलवे बोर्ड के सख्त निर्देश हैं। साथ ही भारत सरकार ने भी यात्री सुविधा के दिशा में बेहतर कार्य करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। इसके बाद लखनऊ और दिल्ली मंडल में इन समस्याओं को दूर करने के लिए कार्य शुरू होने जा रहा है।

साफ-सफाई के लिए रेलवे ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट और पानी की सुविधा के लिए क्विक वाटरिंग सिस्टम लगाने जा रहा है। फिलहाल ये तकनीक श्री माता वैष्णो देवी, योगनगरी ऋषिकेश, दिल्ली सराय और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर चल रही है। इसके बाद आनंदविहार, वाराणसी, जालंधर, अमृतसर, नई दिल्ली और शकूरबस्ती में यह तकनीक शुरू की जाएगी। योगनगरी ऋषिकेश के अलावा मुरादाबाद मंडल के अन्य स्टेशनों पर इस सुविधा को शुरू होने में समय लगेगा।

ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट होगा शुरू

अभी तक मैनूअल सिस्टम से ट्रेन के एक कोच को धोने में 1500 लीटर पानी खर्च होता है। जोकि बहुत अधिक है लेकिन ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट शुरू होने से सिर्फ 300 लीटर पानी में रेल का कोच धुलकर साफ हो जाएगा। साथ ही इस पानी को री-साइकिल भी किया जा सकता है।

यानी 300 लीटर से भी कम पानी में एक कोच धुलकर साफ हो जाएगा। योगनगरी ऋषिकेश में यह प्लांट लगाया है। रेलवे प्रशासन के मुताबिक पर्यावरण फंड से ही यह प्लांट अन्य स्टेशनों पर लगाया जाएगा। एक प्लांट में कम से कम एक करोड़ रुपये की लागत आ रही है।

पांच मिनट में पानी भर देगा क्विक वाटरिंग सिस्टम

रेलवे का दावा है कि क्विक वाटरिंग सिस्टम पूरी ट्रेन में यात्रियों की आवश्यक्ता के लिए सिर्फ पांच मिनट में पानी भर देगा। प्रति मिनट 100 लीटर पानी ट्रेन की टंकी में भरा जा सकेगा। इससे पानी की बर्बादी नहीं होगी और कम समय में ज्यादा ट्रेनों में पानी भरा जा सकेगा। शुरूआत में मुरादाबाद, बरेली, अंबाला, नई दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, लुधियाना, लखनऊ, वाराणसी और फैजाबाद में यह सिस्टम लगाया जाएगा।

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