हर तरफ शहर में जाम, समाधान में व्यवस्था नाकाम

मुजफ्फरनगर।

शहर को साफ-सुथरा व जाम मुक्त रखने में पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से विफल हो रहा है।

वहीं, नगरपालिका का प्रबंध तंत्र भी जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने में नाकाम हो गया है।

जाम के इस झाम को बढ़ाने में हर कोई बराबर का सहयोग दे रहा है, जिसमें ई-रिक्शाओं का बेतरतीब संचालन जहां बड़ी वजह है, वहीं सीवरेज लाइन डाले जाने के लिए खोदी गई शहर की सड़कें  व मुख्य चौराहों पर आधी सड़क तक फैले कूड़े के ढेर भी अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। विज्ञापन ई-रिक्शा : शहर की सड़कों पर बेतरतीब दौड़ रहीं ई-रिक्शा की बात करें तो एआरटीओ विभाग में अब तक कुल 3,800 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं।

हालांकि सड़कों पर दौड़ रहीं ई-रिक्शाओं की बात करें तो इनकी तादाद कहीं ज्यादा है, जिनमें अधिकांश अवैध रूप से बिना रजिस्ट्रेशन के ही चलाई जा रही हैं।

इससे भी बड़ी वजह इन ई-रिक्शाओं का संचालन पूरी तरह से अनट्रेंड, किशोर उम्र के लड़कों बुजुर्ग व बिना लाइसेंस धारकों द्वारा किया जा रहा है, जिनसे ट्रैफिक के नियम-कायदों की जरा भी उम्मीद करना ही बेमानी है। इनसे निपटने के लिए करीब एक पखवाड़े पूर्व यातायात विभाग ने इन्हें रूटवाइज चलाने की योजना बनाई थी।

इसके लिए विभाग ने एआरटीओ से मिलकर 12 रूट निर्धारित किए थे।

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