UP शुगर मिल बिक्री घोटाला:ED ने BSP के पूर्व MLC हाजी इकबाल की 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को किया अटैच

संक्षेप:

सहारनपुर: सहारनपुर से BSP के पूर्व MLC रहे हाजी इकबाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। मामला मायावती सरकार में शुगर मिलों की बिक्री घोटाले से जुड़ा है। ED ने इकबाल की 1,097 करोड़ 18 लाख 10 हजार 250 रुपए की कीमत की संपत्ति अटैच की है। हाजी इकबाल ने गिरियशो प्राइवेट लिमिटेड और नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम की फर्जी कंपनियों के जरिए एक ही दिन में सात शुगर मिल खरीद ली थी।

सहारनपुर: सहारनपुर से BSP के पूर्व MLC रहे हाजी इकबाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। मामला मायावती सरकार में शुगर मिलों की बिक्री घोटाले से जुड़ा है। ED ने इकबाल की 1,097 करोड़ 18 लाख 10 हजार 250 रुपए की कीमत की संपत्ति अटैच की है। हाजी इकबाल ने गिरियशो प्राइवेट लिमिटेड और नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम की फर्जी कंपनियों के जरिए एक ही दिन में सात शुगर मिल खरीद ली थी।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने साल 2019 में हाजी इकबाल के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच में तमाम अवैध संपत्तियों का खुलासा हुआ था। जिस पर प्रवर्तन निदेशालय को भी जांच में शामिल किया गया। ED की टीम ने भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू कर सबूत जुटाए। अक्टूबर 2020 में CBI और ED की टीम ने पूर्व MLC हाजी इकबाल के घर पर छापेमारी की थी, जहां से करोड़ों की संपत्ति के कागजात और जेवरात मिले थे।

साल 2019 में शुरू हुई थी घोटाले की जांच

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वर्ष 2010-11 में मायावती सरकार के कार्यकाल के दौरान एक दिन में 7 बंद चीनी मिलों को बेचने में घोटाले का मामला सामने आया था। इसके बाद CBI लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने FIR दर्ज की थी। इसके अलावा 14 अन्य चीनी मिलों की बिक्री को लेकर 6 अलग-अलग PE (आरंभिक जांच) दर्ज की गई। योगी सरकार ने 12 अप्रैल 2018 को 21 चीनी मिलों की बिक्री में हुई गड़बड़ियों के मामले में CBI जांच की सिफारिश की थी। चीनी मिलों को बेचने में हुए घोटाले के कारण प्रदेश सरकार को 1,179 करोड़ रुपए के राजस्व का घाटा हुआ था।

CBI ने इस मामले में दिल्ली के रोहिणी निवासी राकेश शर्मा, सुमन शर्मा, गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी धर्मेंद्र गुप्ता, सहारनपुर निवासी सौरभ मुकुंद, मोहम्मद जावेद, बेहट निवासी मोहम्मद नसीम अहमद और मोहम्मद वाजिद को नामजद किया। इनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और कंपनी एक्ट 1956 की धारा 629 (ए) के तहत मामला दर्ज हुआ। इससे पहले राज्य चीनी निगम लिमिटेड ने चीनी मिलें खरीदने वाली दो फर्जी कंपनियों के खिलाफ नौ नवंबर 2017 को गोमतीनगर थाने में FIR दर्ज करवाई थी। यह रिपोर्ट सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन विंग की जांच के बाद दर्ज हुई थी।

15 सालों में अकूत संपत्तियों का मालिक बना हाजी इकबाल

हाजी इकबाल 15 साल पहले तक अवैध खनन, लकड़ी की टाल और फलों का कारोबार करता था लेकिन वर्तमान में वह 700 एकड़ में बनी ग्लोकल यूनिवर्सिटी का चांसलर है। वर्तमान में उसके खिलाफ IB, CBI, ED, IT, SEBI, DRI, CBDT, NGT आदि एजेंसियां जांच कर रही हैं। बीते साल 2020 में सहारनपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने हाजी इकबाल के छोटे भाई और BSP के MLC महमूद और उनके साझीदार अमित जैन दादू से 100 करोड़ की रिकवरी की जाने के निर्देश दिए थे। NGT ने अवैध खनन के आरोप में महमूद अली और उनके पार्टनर अमित जैन पर 50-50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। 

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