आगामी विधानसभा चुनाव में स्कूल के नाम पर पड़ेगा लोगों का वोट: सिसौदिया

संक्षेप:

  • कल दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रामलीला मैदान में जनसभा को किया संबोधित  
  • भाजपा और कांग्रेस की सरकारें स्कूलों की दशा नहीं बदल सकीं
  • इस बार लोगों का वोट स्कूल के नाम पर पड़ेगा

हल्द्वानी। रामलीला मैदान में बृहस्पतिवार शाम हुई जनसभा में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जुमला नहीं चलाते, जो कहते हैं उसे करके दिखाते हैं। केजरीवाल ने काम करने की नीयत से सरकार चलाई तो पांच सालों में सरकारी स्कूल कहां से कहां पहुंच गए। उत्तराखंड को बने 21 साल हो गए हैं। यहां भाजपा और कांग्रेस की सरकारें स्कूलों की दशा नहीं बदल सकीं। उन्होंने कहा कि इस बार लोगों का वोट स्कूल के नाम पर पड़ेगा।

इससे खराब स्कूल जिंदगी में नहीं देखा: सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने कहा कि हल्द्वानी आने से पहले उन्होंने लालकुआं कस्बे में एक सरकारी स्कूल की दुर्दशा देखी। इसकी उन्होंने कल्पना तक नहीं की थी। एक कमरा स्टाफ के लिए और बाहर टीन के छज्जे में कक्षाएं चलती हैं। इससे खराब स्कूल जिंदगी में नहीं देखा। इन क्लास रूम में उत्तराखंड के बच्चों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। अगर केजरीवाल पांच सालों में सरकारी स्कूलों को ठीक कर सकते हैं तो भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने ऐसा क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के लोग उत्तराखंड और उत्तराखंड के बच्चों के खिलाफ साजिश करते रहे हैं। उन्हें पता है बच्चे पढ़-लिख गए तो सवाल पूछेेंगे। काम मांगेंगे। जनसभा में प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया, आम आदमी प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू, जिलाध्यक्ष संतोष कबडवाल आदि मौजूद रहे।

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सिसोदिया ने कहा कि 21 साल पहले पैदा हुए बच्चे को अगर यहां की सरकारों ने ठीक से पढ़ा ही दिया होता तो आज 21 साल का पढ़ा लिखा नौजवान उत्तराखंड का रोजगार चमका रहा होता और उत्तराखंड को चमका रहा होता। लेकिन यहां की सरकारों ने प्रदेश के नवजवानों के साथ गद्दारी की है। महिलाओं को क्यों नहीं देते मुफ्त बस यात्रा अपने 11 मिनट में भाषण में मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन सरकारों ने बिजली में धोखा दिया, रोजगार और ट्रांसपोर्ट में भी धोखा दिया। अगर दिल्ली में महिलाओं के लिए बसें सस्ती हो सकती हैं, बसें फ्री हो सकती हैं तो उत्तराखंड में क्यों नहीं हो सकती हैं।

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