सरकार की रिपोर्ट- IT रेड में कम हुई 2000 रुपये के नोट मिलने की संख्या, 2 साल बाद दिखी सबसे बड़ी गिरावट

संक्षेप:

  • केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि पिछले एक साल में आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापों में 2000 रुपये के नोट मिलने की संख्या में काफी कमी आई है.
  • नोटबंदी के बाद लोगों ने 2000 रुपये के नोटों की जमाखोरी शुरू कर दी थी.
  • अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इन नोटों की छपाई को पूरी तरह से रोक दिया है. 

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि पिछले एक साल में आयकर विभाग द्वारा मारे गए छापों में 2000 रुपये के नोट मिलने की संख्या में काफी कमी आई है। नोटबंदी के बाद लोगों ने 2000 रुपये के नोटों की जमाखोरी शुरू कर दी थी, जिसके बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक ने इन नोटों की छपाई को पूरी तरह से रोक दिया है।

दो साल पहले थी 68 फीसदी हिस्सेदारी

सरकार ने कहा है कि दो साल पहले (2017-18) में जब आयकर विभाग छापा मारता था तो उस वक्त 2000 रुपये के नोट की हिस्सेदारी 68 फीसदी हुआ करती थी। अब इस वित्त वर्ष में यह संख्या घटकर 43 फीसदी रह गई है।

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लोगों को लग रहा नोट बंद होने का डर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा को बताया कि लोगों को लग रहा है कि सरकार इन नोटों को कभी भी बंद कर सकती है। इस वजह से भी लोग अब इन नोटों को अपने पास जमा करने से बच रहे हैं। वहीं ज्यादातर एटीएम में भी 2000 का नोट नहीं मिल रहा है।

2000 की नोट का प्रचलन बाजार में लगातार कम हो रहा है, अभी महज 30 फीसदी

वित्त मंत्री ने बताया कि आयकर विभाग ने जितनी भी नकदी को छापों के दौरान जब्त किया है उसमें विगत तीन सालों में लगातार कमी आ रही है। 2017-18 में जहां 67.9 फीसदी 2000 रुपये के नोट की संख्या होती थी, वहीं 2018-19 में यह घटकर 65.9 फीसदी हो गई। मार्च 2017 में दो हजार रुपये के नोट का प्रचलन सबसे ज्यादा था। इसके बाद अन्य करेंसी नोटों की संख्या थी। अब 2000 के नोट का प्रचलन घटकर 31 फीसदी रह गया है। आरबीआई द्वारा जारी किए गए डाटा के अनुसार, मार्च 2018 में जहां 6.7 लाख करोड़ करेंसी नोटों का प्रचलन था, वहीं मार्च 2019 में यह घटकर 6.6 लाख करोड़ रुपये रह गया।

एटीएम में केवल 500, 200 और 100 का नोट

2000 रुपये के नोट की जगह बैंक एटीएम में केवल 500, 200 और 100 रुपये के करेंसी नोटों की संख्या को बढ़ा रहे हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। हालांकि यह पूरी कवायद होने में कम से कम दो साल का समय लगेगा।

छोटे शहरों से की शुरुआत

एसबीआई समेत कई सरकारी व निजी बैंकों ने इसकी शुरुआत कर दी है। फिलहाल छोटे शहरों व कस्बों में मौजूद एटीएम में से 2000 रुपये के नोट रखने के स्लॉट (कैसेट) को हटाया जा रहा है। हालांकि बड़े शहरों में मौजूद एटीएम में यह 2000 रुपये का नोट मिलता रहेगा। यह सारा कार्य आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत किया जा रहा है।

ताकि नहीं फैले अफवाह

2000 रुपये के नोट को एटीएम से हटाने पर यह अफवाह फैल सकती थी, कि बैंक आने वाले दिनों में इसका प्रचलन भी बंद कर देगा। लेकिन ऐसा नहीं है। एक निजी बैंक से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरबीआई ने बैंकों से एटीएम में 2000 रुपये का कैसेट हटाने पर चरणबद्ध तरीके से काम करने के लिए कहा है। बैंकों से कहा गया है कि वो एटीएम में ज्यादा से ज्यादा 500, 200 और 100 रुपये के नोट रखें, जिससे लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।

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