Chandrayaan 2: श्रीहरिकोटा में बारिश, चंद्रयान 2 के लिए तैयार हो रहा GSLV

संक्षेप:

  • अब तक ISRO ने तीन GSLV-MK-3 रॉकेट भेजे हैं.
  • चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे.
  • रॉकेट का प्रक्षेपण देखने के लिए कुल 7,500 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है.

श्री हरिकोटा: ISRO Chandrayaan 2 Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज चंद्रयान-2 को लॉन्‍च करेगा. दोपहर 2.43 बजे श्रीहरिकोटा से 3.8 टन के चंद्रयान-2 को छोड़ा जाएगा. ISRO चीफ के. सिवन ने मिशन के सफल रहने की पूरी उम्‍मीद जताई है.

चंद्रयान-2 को लेकर जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क-3 (GSLV-MK-3) रॉकेट पहले 15 जुलाई को तड़के 2.51 बजे उड़ान भरने वाला था, मगर तकनीकी खामी के चलते एक घंटा पहले लॉन्‍च कैंसिल कर दिया गया था.

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GSLV-MK-3 रॉकेट की लागत 375 करोड़ रुपये है जबकि चंद्रयान-2 की लागत 603 करोड़ रुपये है. यह रॉकेट अपनी करीब 16 मिनट की उड़ान के दौरान चंद्रयान-2 को इसकी 170 गुणा 40,400 किलोमीटर के ऑर्बिट में पहुंचाएगा.

Chandrayaan 2 Launch Live Updates:

-इसरो के अनुसार, दूसरे चरण/इंजन में अनसिमिट्रिकल डाइमिथाइलहाइड्राजाइन (UDMH) और नाइट्रोजन टेट्रोक्साइड (N2O4) के साथ ईंधन भरने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
-रॉकेट का प्रक्षेपण देखने के लिए कुल 7,500 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है. इसरो ने आम जनता को भी प्रक्षेपण देखने की अनुमति दे दी है. इसके लिए एक गैलरी बनाई गई है. गैलरी की क्षमता हालांकि करीब 10,000 लोगों की है, इसरो की योजना यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ाने की है.
-इसरो के मिशन में विलन बन सकती है बारिश. श्रीहरिकोटा में खराब हुआ मौसम.
-जीएसएलवी-एमके 3 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में 4 टन श्रेणी के उपग्रहों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है. व्‍हीकल में दो ठोस -स्ट्रेप ऑन मोटर हैं. इसमें एक कोर तरल बूस्टर है और ऊपर वाले चरण में क्रायोजेनिक है.

- ISRO ने अपने 44 मीटर लंबे GSLV-MK-3 की गड़बड़ी दूर की. 640 टन वजनदार GSLV-MK-3 को ‘बाहुबली’ फिल्म के नायक के नाम पर बाहुबली का -उपनाम दिया गया है. फिल्म का नायक जिस तरह एक दृश्य में भारी शिवलिंग उठाता है, वैसे ही यह रॉकेट 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 को लेकर जाएगा.
- 21 जुलाई की शाम 6.43 बजे से चंद्रयान-2 की लांचिंग की उल्टी गिनती शुरू हो गई. लॉन्‍च से पहले तक पूरे सिस्‍टम की जांच की जाएगी और रॉकेट के इंजन को शक्ति प्रदान करने के लिए ईंधन भरा जाएगा.
- धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी लगभग 3.844 किलोमीटर है. चंद्रयान-2 में लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान चंद्रमा तक जाएंगे.

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