महाराष्ट्र में सरकार बनाने का रास्ता साफ! शिवसेना का ही होगा CM, 2 Dy.CM का होगा फॉर्मूला

संक्षेप:

  • महाराष्ट्र (Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन (President`s Rule) के बीच सरकार बनाने के का रास्ता साफ होता दिख रहा है.
  • सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के बीच डील तय हो गई है.
  • तीनों दलों के बीच जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक महाराष्ट्र में पांच साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री रहेगा.

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में राष्ट्रपति शासन (President`s Rule) के बीच सरकार बनाने के का रास्ता साफ होता दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के बीच डील तय हो गई है. तीनों दलों के बीच जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक महाराष्ट्र में पांच साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री रहेगा. वहीं, कांग्रेस और एनसीपी के खाते में एक-एक उपमुख्यमंत्री का पद आएगा.

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच बैठकों का दौर जारी है. खबर है कि तीनों दलों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) को लेकर सहमति बन गई है. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद दिए जाएंगे. खुद शिवसेना के खाते में 14 मंत्री पद आएंगे. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, `सीएम पद को लेकर ही शिवसेना और बीजेपी के भी मतभेद हुए हैं. ऐसे में हम सीएम पद की दावेदारी नहीं चाहते. सीएम तो शिवसेना से ही बनेगा.` गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच बैठकों का दौर जारी है. गुरुवार को हुई इस बैठक में तीनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता शामिल हुए. जानकारी के मुताबिक शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे , कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, एनसीपी नेता छगन भुजबल शामिल हुए. इस बैठक के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बताया कि तीनों पार्टियों के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हुई. इसका एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है.

अब सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि इन तीनों पार्टियों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम (Common Minimum Program) को लेकर सहमति बन गई है. अब तक जिन मुद्दों पर सहमति की जानकारी मिली है उनमें किसान कर्जमाफी, फसल बीमा योजना की समीक्षा, रोजगार और छत्रपति शिवाजी महाराज और बीआर अंबेडकर स्मारक शामिल हैं.

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


महाराष्ट्र में लगा है राष्ट्रपति शासन

21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा था, जिसमें बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. वहीं, शिवसेना ने राज्य की 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर पैदा हुए गतिरोध के चलते दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे से किनारा कर लिया था. बीजेपी ने घोषणा कर दी कि वह राज्य में अकेले सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में गवर्नर ने राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया. लेकिन, शिवसेना एनसीपी के साथ दिए गए समय में समर्थन पेश नहीं कर सकी, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.