पंचायत चुनावों में बूथ पर झगड़ा करने पर 8 दोषियों को 10-10 साल की सजा

संक्षेप:

  • पंचायती चुनावों के दौरान बूथ कैप्चरिंग करने के मामले में 6 साल बाद अदालत ने 8 दोषियों को सुनाई सजा।
  • अदालत ने 8 दोषियों को 10-10 साल सजा सुनाई।
  • दोषियों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

नोएडा- जिले के इंडरी गांव में 24 जनवरी 2016 पंचायती चुनावों के दौरान बूथ कैप्चरिंग करने के मामले में 6 साल बाद अदालत ने 8 दोषियों को 10-10 साल सजा सुनाई है। बूथ पर लड़ाई झगड़ा, तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति को नुकसान करने सहित कई अन्य मामलों के आरोप में नूंह की अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश प्रशांत राणा की अदालत ने दोषियों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

अदालत ने इस मामले में आरोपियों को बीते 18 जनवरी को दोषी करार देते हुए अपने फैसले को सुरक्षित रखे हुए थी। इस फैसले को 19 जनवरी को सुनाना था लेकिन किसी कारणवश इस दिन फैसला नहीं आ पाया। शुक्रवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाकर आरोपियों को जेल भेज दिया। जिन आरोपियों को अदालत ने सजा सुनाई है उनमें मुख्य रूप से जगगी व आनंद पुत्र बनेसिंह निवासी गांव आटा, मोंटी पुत्र महेंद्र निवासी गांव समयपुर बल्लबगढ़ के अलावा अन्य पांच आरोपियों में इंडरी गांव के गुलशन पुत्र किशन सिंह, सचिन पुत्र प्रताप, दीपक पुत्र अनंगपाल, सतीश पुत्र उमराव व बिल्लू पुत्र नरेंद्र शामिल है। सभी आरोपियों को अदालत ने जेल भेज दिया है।

अदालत ने इस मामले में तमाम सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर सभी को दोषी ठहराते हुए 10-10 साल कैद की सजा सुनाई है। बता दें कि जिले में 24 जनवरी 2016 को पंचायती चुनावों के दौरान उक्त सभी दोषियों ने इंडरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बूथ नंबर 116, 117 पर अचानक से जाकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। कई ईवीएम को भी तोड़ने के साथ सरकारी कागजों को भी लूटकर ले गए। मौके पर मौजूद सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई। चुनावों के दौरान बूथ पर मौजूद प्रेजाइडिंग ऑफिसर अय्यूब खान की शिकायत पर रोजका मेव थाने में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। तभी से यह मामला नूंह की अदालत में विचारधीन था। जिससे इस मामले में अब फैसला आया है। इस दौरान काफी संख्या में इन बूथों पर लोग एकत्रित हो गए जिससे चुनाव को बीच में रोकना पड़ा था। गांव में भी काफी तनाव का माहौल है।

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क्या कहते हैं परिजन
इस मामले में दोषियों के परिजनों व इंडरी गांव के सरपंच कमल पंवार ने बताया कि इस मामले की कई धाराओं ने उनके सभी परिजन वर्ष 2017 में बरी हो गए थे। अदालत के इस फैसले से वह संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए वह न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्हें उच्च न्यायालय में जरूर न्याय मिलेगा।

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