क्यूँ है संविधान के हर पन्ने पर ये नाम, कौन हैं प्रेम बिहारी रायजादा ?

संक्षेप:

  • जवाहर लाल नेहरू को प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा के बारे में पता चला
  • रायज़ादा कैलिग्राफी जानते हैं और उनके लेखनी बहुत सुंदर है
  • संविधान को लिखने में 254 दवात और 303 पेन का इस्तेमाल किया गया

संविधान निर्माता के तौर पर हम बी आर अंबेडकर को जानते हैं। संविधान बनाने के पीछे कई बुद्धिजीवियों का दिमाग था। इसलिए किसी एक को संविधान बनाने का श्रेय गलत है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का संविधान एक अकेले व्यक्ति ने अपने हाथ से लिखा था। ये आदमी कोई और नहीं बल्कि दिल्ली के रहने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा थे। इन्हें संविधान को हाथ से लिखने की जिम्मेदारी दी गई थी। भारत का संविधान बनकर तैयार तो हो रहा था लेकिन चुनौती थी कि आखिर इसे लिखेगा कौन?

उन दिनों प्रिंटिंग की व्यवस्था नहीं थी ऐसे में सारा संविधान हाथ से लिखकर ही तैयार करना था। ऐसे में जवाहर लाल नेहरू को प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा के बारे में पता चला। नेहरू को पता चला कि रायज़ादा कैलिग्राफी जानते हैं और उनके लेखनी बहुत सुंदर है। ऐसे में नेहरू ने उनसे संपर्क किया।
जवाहर लाल नेहरू ने रायज़ादा के सामने भारत का संविधान लिखने का प्रस्ताव रखा। रायज़ादा इस बात से बहुत खुश हुए। इसके बाद जवाहर लाल नेहरू ने उनसे पूछा कि वो संविधान लिखने के बदले में क्या लेंगे? लेकिन रायज़ादा ने संविधान लिखने के एवज़ में कुछ भी लेने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी। बस मैं इतना चाहता हूं कि संविधान के हर पेज पर मेरा नाम लिखा जाए और आखिरी पेज पर मेरे दादा जी के नाम को जगह दी जाए। नेहरू ये बात सुनकर बहुत खुश हुए। उन्होंने ऐसा करने की मंजूरी दे दी।

रायज़ादा भी फौरन अपने काम में लग गए। उन्होंने 6 महीनों में संविधान लिखने का काम पूरा किया। इस संविधान को लिखने में 254 दवात और 303 पेन का इस्तेमाल किया गया। संविधान की असली कॉपी पर रायज़ादा की निशानियां आज भी मौजूद हैं।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Noida की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles