कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियां जोरो पर, 100 बेड का अस्पताल तैयार

संक्षेप:

  • कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां तेज
  • नोएडा में 100 बेड का अस्पताल बनकर तैयार
  • अगले महीने आ सकता है कोरोना की तीसरी लहर

नोएडा- कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा है। प्रधानमंत्री भी इसकी आशंका जता चुके हैं। इससे निपटने के लिए जिले में तैयारियां जोराें पर चल रही हैं। कासना स्थित जिम्स में भी इसके लिए बच्चों का 100 बेड का वार्ड तैयार कर हो गया है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने रविवार को इसका जायजा लिया।

 तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर आलोक कुमार ने जिम्स का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निदेशक ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश गुप्ता (रिटायर्ड), सीएमएस डॉक्टर सौरभ श्रीवास्तव, डीन डॉक्टर रंभा पाठक, डॉक्टर शिखा सेठ, प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर अनुराग श्रीवास्तव आदि के साथ बैठक की और बच्चों के संक्रमित होने पर कैसे निपटा जाएगा, इसकी पूरी जानकारी ली।

उन्होंने पीडियाट्रिक वार्ड के बाल गहन चिकित्सा वार्ड (पीआईसीयू) की तैयारियों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में सबसे अधिक बच्चों के संक्रमित होने की आशंका है। इसे देखते हुए बेहतर तैयारियां जरूरी हैं। इस दौरान संस्थान के निदेशक ने बताया कि प्रमुख सचिव पीआईसीयू निरीक्षण के साथ पीडियाट्रिक स्किल विभाग में भी गए।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


 यहां चल रहे ट्रेनिंग कार्यक्रम की उन्होंने सराहना की। इसके बाद नॉन कोविड मरीजों से भी बातचीत कर इलाज प्रक्रिया में सुधार के लिए सुझाव जानने का प्रयास किया। उन्होंने प्रमुख सचिव को बताया कि फिलहाल तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के लिए 100 बेड का वार्ड तैयार कर लिया गया है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि बीते दो सालों में संस्थान ने पूरे प्रदेश में अपना नाम कमाया है, यह डॉक्टरों की मेहनत से ही सफल हुआ है। संस्थान के डॉक्टरों के प्रयास से ही प्रदेश में सबसे कम कोविड मरीजों की मौत गौतमबुद्ध नगर में हुई है। इसके बाद उन्होंने एकेडमिक भवन का निरीक्षण किया व विद्यार्थियों को दी गई साइकिल का फ्लैग ऑफ किया।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Noida की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles