10YearChallenge :- 10 सालों में भारत के प्रदुषण में हुआ यह बदलाव

संक्षेप:

  • दुनियाभर के लोग साल 2009 और 2019 की फोटो पोस्ट कर रहे थे
  • प्रदूषण से 2018 में मरने वाले लोगों की संख्या 42 लाख के करीब थी
  • 2.5 प्रदूषण में शामिल वो सूक्ष्म तत्व हैं

इंटरनेट पर `10 Year Challenge` खूब वायरल हो रहा है। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक चैलेंज शुरू हुआ था दुनियाभर के लोग साल 2009 और 2019 की फोटो पोस्ट कर रहे थे। बॉलीवुड सेलेब्स से लेकर स्पोर्ट्स स्टार्स तक सब पुरानी तस्वीरें डाल रहे थे। तो वहीं इस चैलेंज का खूब मजाक भी उड़ाया गया। वहीं अगर हम इंडिया के प्रदुषण और भ्रष्टाचार को लेकर 10 ईयर चैलेंज पर बात करते हैं कि 10 साल पहले भारत में भर्ष्टाचार कितना बढ़ा या फिर कितना घटा या प्रदुषण कितना बढ़ा है और कितना घटा है तो 2009 में ऑक्सीज़न की मात्रा में 15 से 20 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी जिस कारण कार्बन डाइऑक्साइड और कॉर्बन मोनोऑक्साइड के प्रतिशत में गिरावट आई इसी के साथ 2019 की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में प्रदूषित शहरों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें दुनिया के टॉप 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 तो भारत के हैं। WHO ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन शहरों में पीएम 2.5 की सालाना सघनता सबसे ज्यादा है। पीएम 2.5 प्रदूषण में शामिल वो सूक्ष्म तत्व हैं जिसे मानव शरीर के लिए सबसे खतरनाक माना जाता है।
 

भारत में हर 10 में से 9 लोग काफी प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं। इसके मुताबिक, `हर साल घर के बाहर और घरेलू वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में 70 लाख लोगों की मौत होती है। अकेले बाहरी प्रदूषण से 2018 में मरने वाले लोगों की संख्या 42 लाख के करीब थी जबकि घरेलू वायु प्रदूषणों से होने वाली मौतों की संख्या 38 लाख है।` वायु प्रदूषण के कारण हार्ट संबंधित बीमारी, सांस की बीमारी और अन्य बीमारियों से मौत होती है। इसी के साथ ठंड का मौसम आते ही प्रदूषण का विकराल रूप हमारे शहरों में दिखने लगता है।

 

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