आम्रपाली बिल्डर ने गैरकानूनी तरीके से दिया 1600 फ्लैट्स का पज़ेशन

संक्षेप:

  • गैरकानूनी तरीके से दिया 1600 फ्लैट्स का पज़ेशन
  • नोएडा विकास प्राधिकरण से नहीं लिया प्रमाण पत्र
  • बिना सर्टिफिकेट दे दिया फ्लैट्स का पज़ेशन

नोएडा। आम्रपाली बिल्डर ने गैरकानूनी तरीके से 1600 बायर्स को फ्लैट का पज़ेशन दिया है। आम्रपाली बिल्डर किसी नियम कानून को नहीं मानता है। ये बात एक बार फिर साबित हो गयी है। आम्रपाली बिल्डर ने फिर कुछ ऐसे किया है जिसमें नियमों को ताक पर रखकर काम होता दिखायी दिया। दरअसल फ्लैट्स का पज़ेशन देने से पहले प्राधिकरण से कम्पलीशन सर्टिफिकेट लेना होता है। लेकिन प्राधिकरण से कम्पलीशन सर्टिफिकेट लिए बिना ही आम्रपाली बिल्डर ने 1600 फ्लैट्स का पज़ेशन दे दिया। अब देखना है कि प्राधिकरण इन नियमों के उल्लंघन पर क्या कार्रवाई करता है।

 

नोएडा में आम्रपाली बिल्डर की करोड़ों की सम्पत्ति 18 अगस्त को नीलाम होगी। कॉरपोरेशन बैंक ने नीलामी का नोटिस कम्पनी को जारी किया है। आम्रपाली बिल्डर की सभी प्रॉपर्टीज़ पर बैंक ने सांकेतिक कब्ज़ा कर लिया है। आम्रपाली बिल्डर के सीएमडी अनिल शर्मा खुद को बैंकों का 1000 करोड़ का कर्ज चुका पाने में असमर्थ बताया है। इसीलिए 18 अगस्त को कॉरपोरेशन बैंक आम्रपाली बिल्डर की 11 प्राइम प्रॉपर्टीज़ को नीलाम करेगी।

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कॉरपोरेशन बैंक आम्रपाली बिल्डर की 11 प्रमुख सम्पत्तियों को नीलाम करने जा रहा है। इसमें गुड़गांव मानेश्वर की यूनिट 104 से लेकर 116 तक की नीलामी होगी। इसके अलावा आम्रपाली टॉवर 2सी 56/37 सेक्टर 62 की नीलामी होगी। इस मामले में बात करने के लिए NYOOOZ लगातार सीएमडी अनिल शर्मा से बात करने की कोशिश कर रहा है ताकि उनका पक्ष जाना जा सके लेकिन उनका फोन नहीं उठाए जाने के कारण सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।

 कहा जा रहा है कि आम्रपाली बिल्डर दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसे में सवाल है कि 60 हजार निवेशकों ने आम्रपाली के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में जो करोड़ों रुपए लगा रखे हैं। उनकी भरपाई वो बेचारे कहां से करेंगे। उन्होंने बैंक से लोन ले रखा है और लगातार किश्तें भर रहे हैं वहीं अपने पूरे जीवन की पूंजी उन्होने अपना घर होने की आस में आम्रपाली बिल्डर को सौंप दी थी। अब इन बायर्स को समझ में नहीं आ रहा है कि वो करें तो क्या करें। आम्रपाली ग्रुप ने प्रोजेक्ट के नाम पर अनगिनत लोगों से अरबों रुपए ले रखे हैं। अब जब बैंक का 1 हजार करोड़ चुकाना आम्रपाली बिल्डर के सीएम अनिल शर्मा को भारी लग रहा है तो ऐसे में निवेशकों का अरबों रुपए वो कैसे देंगे इसका जवाब देने वाला कोई नहीं हैं।

 शहर में बायर्स के लिए एक बड़ा झटका देने वाली खबर लेकर न्यूज़ आया है। नोएडा का आम्रपाली ग्रुप खुद को दिवालिया घोषित करने में जुटा है। आम्रपाली ग्रुप पर 20 हजार करोड़ रुपए की देन दारी है। आम्रपाली को निवेशकों को 19 हजार करोड़ लौटाने हैं जबकि बैंकों को एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना हैं।

आम्रपाली बिल्डर के सीएमडी अनिल शर्मा खुद को दिवालिया घोषित करना चाहते हैं। उन्होंने बैंको से कर्ज लौटाने में असमर्थता भी जाहिर कर दी है। आम्रपाली ग्रुप पर 20 हजार करोड़ रुपए देने का दबाव बढ़ता जा रहा है। एक तरफ RERA से पैदा होने वाली मुश्किले और दूसरी तरफ बढ़ती देनदारी से निजात पाने के लिए आम्रपाली ग्रुप ने विजय माल्या की डगर का रुख कर लिया है।

 रविवार देर शाम नोएडा सेक्टर 62 में आम्रपाली ग्रुप के दफ्तर पर HDFC बैंक ने अपना ताला लगा दिया है। बैंकों को 1000 करोड़ रुपए लौटाने में ही जब आम्रपाली ग्रुप ने हाथ खड़े कर दिये हैं तो ऐसे में बायर्स के 19 हजार करोड़ वो कैसे लौटाएंगे ये एक बड़ा सवाल है। अब जल्द ही HDFC बैंक आम्रपाली ग्रुप की प्रॉपर्टीज़ को बेचकर अपने दिए हुए कर्ज की भरपाई करेगा।

NYOOOZ आपको बताना चाहता है कि नोएडा में करीब 60 हजार निवेशक अधर में फंस गए हैं। पिछले कई सालों से उनका रुपया आम्रपाली बिल्डर ले चुका है और उनके फ्लैट्स और विला का पज़ेशन अब तक नहीं दिया गया है। अब ऐसे निवेशकों की राह और मुश्किल हो गयी है।

विजय माल्या की राह पर चल पड़े हैं नोएडा के बिल्डर। नोएडा के नामचीन आम्रपाली बिल्डर के सीएमडी अनिल शर्मा खुद को दिवालिया घोषित करना चाहते हैं। जिसके बाद नोएडा के सेक्टर 62 में आम्रपाली ग्रुप के कॉरपोरेट ऑफिस को HDFC बैंक ने अपने कब्जे में लेकर उसे नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं जब ये खबर आम्रपाली के फ्लैट्स खरीदने वाले बायर्स को मिली तो वो आम्रपाली के ऑफिस पहुंचे और वहां बैंक का ताला लगा देख कर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं ।

फ्लैट बायर्स का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन भर की कमाई को आम्रपाली बिल्डर को दे दिया और न ही उन्हें फ्लैट मिला और अब तो पैसे की उम्मीद भी खत्म हो गयी । बैंक तो नीलामी से अपना पैसा वसूल लेगा, प्राधिकरण भी अपनी जमीनें वापिस ले लेगा। ठगे तो सिर्फ निवेशक ही जाएंगे। अब सवाल ये है कि इन बायर्स को न्याय आखिर कौन दिलाएगा।

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