Aligarh में SP की पूर्व प्रवक्ता Pankhuri Pathak पर हमला

संक्षेप:

  • सपा की पूर्व प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक पर हमला
  • बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पंखुड़ी पाठक की गाड़ी पर भी बोला हमला
  • उनके साथ आये लोग से की गई मारपीट

अलीगढ़ में सपा की पूर्व प्रवक्ता पंखुड़ी  पाठक पर एनकाउंटर पीड़ित परिवार से मिलने के दौरान कुछ लोगों ने हमला कर दिया.  हमले में कुछ लोगों को चोट आई है. तीन चार पहिया वाहन भी तोड़ दिए गए हैं. पंखुड़ी पाठक का आरोप है कि पीड़ित परिवार की कुछ महिलाओं को भी गायब कर दिया गया है.

पंखुड़ी  पाठक ने बताया कि, ‘‘शनिवार दोपहर अलीगढ़ एनकाउंटर में मारे गए नौशाद और मुस्तकीम के परिवार से मिलने अतरौली गई थी. जब मैं अतरौली परिवार के घर के पास पहुंची तो वहां 40-50 लोग जो गले में भगवा गमछा डाले पहले से खड़े हुए थे.

वो बजरंग दल वाले मालूम हो रहे थे. ऐसा लग रहा था कि जैसे हमारे आने के बारे में उन्हें पहले से पता था. पीड़ित परिवार की तीन महिलाओं को पुलिस ने पहले ही गायब कर दिया था. इसी दौरान कुछ लोग और आ गए. उन्होंने गंदी भाषा का इस्तेमाल शुरु कर दिया.

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जब मैंने भाई कहते हुए उनसे बात करनी चाही तो उन्होंने हमला कर दिया. हमारे कई लोगों को चोट आई है. एक का सिर फट गया है. हमारी तीन कार तोड़ दी गईं. उन लोगों ने पथराव शुरु कर दिया. उनके हाथ में गन, चाकू और डंडे थे. वहां 10-12 सादा कपड़ों और वर्दी में पुलिस वाले भी खड़े हुए थे.

लेकिन वो शांत खड़े हुए थे. मेरे हाथ जोड़कर ये कहने पर कि वो लोग हमारे साथियों को मार देंगे उन्हें बचा लिजिए तब वो बीच में बोले. उसके बाद हम वहां से भाग लिए. मैंने 100 नम्बर पर पुलिस को भी सूचना दे दी है. थाने में भी बजरंग दल वाले इकट्ठा हो सकते हैं, इसीलिए मैं थाने नहीं गई और सीधे दिल्ली जा रही हूं.’’

इससे पहले 27 अक्टूबर को भी यूनाइटेड अगेंस्ट हेट की टीम को देखकर उस वक्त नारेबाजी करते हुए उन्हें घेरने की कोशिश की गई थी जब टीम अतरौली थाने में बैठकर एसएचओ प्रवेश राणा से बात कर रही थी.

इस बारे में सर्किल अफसर (सीओ), अतरौली प्रशांत सिंह का कहना है कि, ‘‘ पंखुड़ी  पाठक की ओर से थाने पर कोई सूचना नहीं दी गई है. 100 नम्बर पर हाथापाई की सूचना है. पथराव की बात गलत है. किसी के चोट नहीं आई है. सिर्फ गाड़ियों के शीशे टूटे हैं. महिलाएं गायब नहीं हैं उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट ले जाया गया था.’’ क्या पुलिस घटनास्थल पर पहले से तैनात थी या नहीं इस सवाल को सुनने के बाद उन्होंने फोन काट दिया.

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