Long Weekend : अगस्त में 9 दिन की छुट्टी, जल्द बनाइए मस्ती का प्लान

संक्षेप:

  • 12 अगस्त से 20 अगस्त तक 9 दिन का सबसे लम्बा वीकेंड
  • परिवार और दोस्तों संग बना सकते हैं आउंटिग का प्लान
  • इतनी लम्बी 9 दिनों की  छुट्टियां एक साथ पहले नहीं मिलीं

नोएडा। अगस्त का महीना आपकी ज़िंदगी में मस्ती करने का पूरा मौका लेकर आया है। ऐसा कम ही होता है कि थोड़े से एडजस्टमेंट से आपको 9 दिनों की छुट्टियां एक साथ मिल जाएं। अगस्त में जन्माष्टमी, रक्षा बंधन, स्वतंत्रता दिवस, पारसियों का नया साल वीकेंड्स के साथ जुड़ गए हैं। अगर आप दो दिनों की छुट्टी लें तो आपको एक साथ 9 दिनों की छुट्टी मिल सकती है।

  • 12 अगस्त - वीकेंड (शनिवार)
  • 13 अगस्त - वीकेंड (रविवार)
  • 14 अगस्त - जनमाष्टमी (सोमवार)
  • 15 अगस्त - स्वतंत्रता दिवस ( मंगलवार)
  • 16 अगस्त - एक दिन की छुट्टी लें (बुधवार)
  • 17 अगस्त - पारसी लोगों के नए साल की छुट्टी (गुरुवार)
  • 18 अगस्त - एक दिन की छुट्टी लें (ऑफ)
  • 19 अगस्त - वीकेंड (शनिवार)
  • 20 अगस्त - वीकेंड (रविवार)

इस दौरान आप चाहें तो राज्य से बाहर जाने का प्लान बना सकते हैं या फिर यूपी के बड़े शहरों में भी घूमने का प्लान बना सकते हैं। तो जल्दी करिए इससे पहले की मौका हाथ से निकले। होटल और फ्लाइट्स बुकिंग फुल हो जाए। आप बना लीजिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ 9 दिनों के वीकेंड का प्लान।

आगरा में घूमने वाली जगहें-
इन छुट्टियों में आप आगरा जाने का प्लान बना सकते हैं। मुगलों का शहर आगरा दिल्ली से 200 किलोमीटर की दूरी पर आता है। यह एक ऐसा शहर है जो ताज महल की वजह से मशहूर है। दूर-दूर से पर्यटक ताज-महल देखने के लिए ही आगरा जाते हैं। ताज महल के इतिहास के बारे में सब लोग जानते हैं। इसकी खूबसूरती को देखने क लिए लोग यहां घूमने आते हैं लेकिन इसके अलावा भी आगरा शहर में घूमने के लिए बहुत-सी जगह हैं जिनके बारे में लोगों ने कम ही सुना होगा। ये जगहें ताजमहल जैसी खूबसूरत तो नहीं लेकिन इनके भी अपने इतिहास हैं। आइए जानिए उन जगहों के बारे में

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1. ताज महल
आगरा शहर की सबसे खूबसूरत जगहों में ताज-महल का नाम सबसे पहले आता है। सफेद संगमरमर से बनी इस जगह को बनाने में 22 साल लगे। इसको बनाने में 20 हजार मजदूरों और 32 कारीगरों नें काम किया। मुगलों के राजा शाहजहां ने इसे अपनी पत्नी को तोहफा देने के लिए बनवाया।

2. आगरा फोर्ट
यह मुगल साम्राज्य का शाही किला था। अब इसे आगरे का किला भी कहते हैं। यह ताज-महल से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर है। ईंटों से बने इस किले की खूबसूरती देखने पर ही बनती है।

3. इटिमाद-उद-दौलह की कब्र
इस जगह पर मुगलों की कब्रें हैं। कई मुगल शासकों के मकबरे यहां बनाए गए है। इसे ताज महल की तरह ही सफेद संगमरमर से बनाया गया है इसलिए इसे छोटा ताज-महल भी कहते हैं। यह जगह आगरा के मोतीबाग में स्थित है।

4. पंच महल
यह पांच मंजिलों से बनी इमारत है जिसे राजा अकबर ने अपनी खुशी से बनवाया था। इस महल का इस्तेमाल वह अपने आराम और मनोरजंन के लिए करते थे। महल की प्रत्येक मजिंल आकार में नीचे वाली मंजिल से छोटी है। यह देखने में बहुत ही खूबसूरत है। यह आगरा के फतेहपूर सिकरी में स्थित है।

5. अकबर की कब्र
तीसरे मुगल शासक अकबर ने 1600 सन् में इस मकबरे का काम शुरू करवाया। लाल इंटों से बने इस मकबरे को बनने में काफी साल लगे। इसके चारों और सुंदर फूलों का बगीचा है। इस मकबरे के बनते समय ही मुगल शासक अकबर की मौत हो गई और उनके पुत्र जहांगीर ने उनकी कब्र को यहीं दफना दिया। इस मकबरे का ऊपरी भाग सफेद संगमरमर का है जो देखने में बहुत सुंदर है।

6. मेहताब बाग
यह यमुना नदी के बांयी तरफ और ताज महल के विपरीत दिशा में स्थित है। इसे चाँदनी बाग भी कहते हैं। इस बाग का निर्मान भी मुगलों ने ही किया था। पेड़-पौधों और खूबसूरत फूलों से भरा यह बगीचा बहुत सुंदर है। 1995 में वन-विभाग ने इस बाग में 25 फव्वारे और बीच में छोटा-सा तालाब बनवाया जिससे यह और भी सुंदर हो गया।

बनारस में घूमने वाली जगहें-
अगर आप धार्मिक नगरी बनारस घूमने जा रहे हैं तो क्या आप सिर्फ मंदिर, घाट, बीएचयू ही देखेंगे? अमूमन लोग बनारस घूमने जाते हैं तो सिर्फ घाट, मंदिर और बीएचयू ही देखकर वापस आ जाते हैं लेकिन बनारस में इसके अलावा भी घूमने को काफी कुछ है और उसके आस-पास भी। अगर आप बनारस जा ही रहे हैं तो एक-दो दिन का वक्त और निकालिए। यकीन कीजिए बनारस के आस-पास मौजूद इन जगहों को देखे बिना आपकी यात्रा अधूरी ही रह जाएगी।

1. सारनाथ
यह बौद्ध धर्म का एक पवित्र स्थान है। यह बनारस से 10 किमी दूर है। इसका आकर्षण इस तरह है कि दुनियाभर से लोग यहां घूमने आते हैं।

2. कुश्ती अखाड़ा
अगर आप बनारस जा रहे हैं तो अखाड़े देखना न भूलें। कुश्ती करते युवाओं को देखकर आप में खुद ही जोश आ जाएगा।

3.चुनार का किला
यह बनारस से 37 किमी दूर है। इसके दोनों ओर गंगा नदी बहती है। किले की बनावट देखकर ही आप इलाके की गौरव-गाथा का अंदाजा लगा लेंगे।

4. रामनगर
रामगनर के किले को आपने कई फिल्मों में देखा होगा। अस्सी घाट पर खड़े होकर आप आसानी से रामनगर का किला देख सकते हैं लेकिन इसकी भव्यता देखने के लिए आपको एकबार तो इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए।

लखनऊ में घूमने वाली जगहें
पर्यटन के लिहाज से यदि आप लखनऊ आ रहे हैं तो यहाँ बहुत कुछ ऐसा है, जिसे देखना और जानना आपके लिए दिलचस्प साबित हो सकता है। हम आपको बताने जा रहे दस ऐसे स्थलों के बारे में जिन्हें देखे बिना आपका लखनऊ टूर पूरा नहीं हो सकता।

1- भूल भूलैया - लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा में स्थित भूल भुलैया का नाम पूरी दुनिया में मशहूर है। लखनऊ की इस ऐतिहासिक धरोहर का निर्माण नवाब आसिफ उद्दौला ने साल 1784 में कराया था। इस ऐतिहासिक भवन के निर्माण की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। माना जाता है कि उस दौर में आये भयानक अकाल से परेशान जनता को रोजगार और मदद मुहैया कराने के मकसद से नवाब ने इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण कराया था। भूल भुलैया की ही तर्ज पर अकाल राहत प्रोजेक्ट के तहत रूमी गेट का निर्माण करवाया गया था। अवध की वास्तुकला के इस प्रतीक को तुर्किश गेटवे के नाम से भी जाना जाता है। साठ फ़ीट ऊंची यह इमारत अवध की वास्तुकला की भव्यता की कहानी बयान करती दिखती है।

2- रेजीडेंसी का खंडहर -अपने आप में कई कहानियां समेटे हुए है। इस भव्य इमारत का निर्माण नवाब सआदत अली खान के कार्यकाल में कराया गया। बाद में अंग्रेजों ने इस पर कब्ज़ा कर इसे अंग्रेज अफसरों का आवास बना दिया तब से इसे रेजीडेंसी के नाम से जाना जाने लगा। 1857 के ग़दर के दौरान भारतीय विद्रोहियों ने रेजीडेंसी पर कब्जा कर लिया था और अंग्रेजों को 86 दिनों तक बंदी बना कर रखा था।

3- सफ़ेद बारादरी का निर्माण नवाब वाजिद अली शाह ने कराया था। इसका निर्माण इमामबाड़े के रूप में उपयोग के लिए बनाया गया था। लखनऊ पर ब्रिटिश सरकार का राज कायम होने के बाद इसका उपयोग कोर्ट के रूप में किया जाने लगा। सफ़ेद पत्थर से बना यह खूबसूरत भवन पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस बारादरी में मशहूर उमराव जान फिल्म का मशहूर गाना भी फिल्माया जा चुका है।

4- लाल बारादरी में वर्तमान समय में राज्य ललित कला अकादमी का कार्यालय स्थित है। इसका निर्माण नवाब सआदत अली खान ने करवाया था। यह भवन नवाब के शाही दरबार के रूप में उपयोग में लाया जाता था।

5 - परीखाना को वर्तमान में भातखण्डे संगीत विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। इसे अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने करवाया था। सन 1867 में जॉन लारेंस ने परीखाना को एक महलनुमा इमारत में परिवर्तित किया और इसमें कैनिंग कालेज व मैरिस म्यूजिक कालेज चलने लगा। इसी इमारत में बाद में भातखण्डे संगीत विश्वविद्यालय और राजकीय संग्रहालय की स्थापना हुई।

6- सतखंडा - हुसैनाबाद में स्थित सतखंडा ग्रीक और इस्लामिक स्थापत्य शैली के मिश्रण का अनूठा उदाहरण है जिसे देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं। इस चार मंजिला भवन का निर्माण मोहम्मद अली शाह ने करवाया था। इसमें सात मंजिलों का निर्माण करवाया जाना था लेकिन यह काम पूरा नहीं हो सका। कहा जाता है कि ईद के चाँद के दीदार के लिए नवाब ने इस इमारत का निर्माण करवाया था। इसी सतखंडा के पास प्रसिद्द हुसैनाबाद तालाब स्थित है।

7- सआदत अली खान का मकबरा लखनऊ के नवाबों के स्थापत्य कला प्रेम को दर्शाता है। इस मकबरे का निर्माण उनके पुत्र बादशाह गाजीउद्दीन ने करवाया था। इस मकबरे का निर्माण लखौरी ईंटों से किया गया है। इसी के साथ नवाब के भाइयों और उनकी तीन बेगमों की भी कब्र है।

8- रूमी गेट - भूल भुलैया की ही तर्ज पर अकाल राहत प्रोजेक्ट के तहत रूमी गेट का निर्माण करवाया गया था। अवध की वास्तुकला के इस प्रतीक को तुर्किश गेटवे के नाम से भी जाना जाता है। साठ फ़ीट ऊंची यह इमारत अवध की वास्तुकला की भव्यता की कहानी बयान करती दिखती है।

9- लक्ष्मण पार्क - लक्ष्मण पार्क लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क के निकट स्थित है। इस पार्क में लगी लक्ष्मण की विशालकाय प्रतिमा लखनऊ शहर के इतिहास का बखान करती नजर आती हैं। माना जाता है कि अयोध्या के राजा राम के भाई लक्ष्मण ने इस शहर को बसाया था जिसके कारण इसका नाम लखनऊ पड़ा। पार्क में लक्ष्मण की कई प्रतिमाएं हैं जो विशाल आकार की हैं। इसी से सटा हुआ अमर शहीद राजा जय लाल सिंह पार्क स्थित है जो ब्रिटिश शासन में अवध के कलक्टर रहे जय लाल सिंह की स्मृति में बनाया गया है।

10- जनरैल कोठी - गोमती नदी के किनारे छतर मंजिल के पास नवाब सआदत अली खान के शासन काल में मुख्य कमांडर एवं जनरल के निवास के रूप में इस भवन का निर्माण कराया गया था। बाद में यह भवन जनरल वाली कोठी के नाम से मशहूर हुआ। यह दोमंजिला हवादार भवन ब्रिटिश कालीन मेहराब शैली का शानदार उदाहरण है। इस भवन में कई तरह की यूरोपियन मेहराबें भी हैं जो बेहद आकर्षक लगती हैं।

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