इन तीन बात का ख्याल रख दे सकते है मौत को चकमा, दिल की सेहत रहेगी हेल्दी

संक्षेप:

  • कोरोना के समय स्ट्रोक का खतरा बढ़ा
  • इस दौरा स्ट्रोक के मरीज बढ़े
  • जरूरत पड़ने पर तुरंत ले डॉक्टर से सलाह

नोएडा- कोरोना ने भारत समेत पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी। कोरोना के दूसरी लहर के पीक के दौरान कई ऐसे मरीज हैं जो डायबिटीज और हायपरटेंशन जैसी बीमारी पीड़ित हैं समय पर अस्पताल में इलाज नहीं करा पाए। अस्पताल में इलाज न करा पाने के वजह से मरीजों को के अंदर कई दूसरी समस्या बढ़ने लगी। कई ऐसी समस्या उतपन्न हुई जहां मरीजों को तुरंत इलाज की जरूरत रही। इलाज के अभाव में सबसे बड़ी समस्या जो निकलकर सामने आई वह थी स्ट्रोक की समस्या।

दिल्ली के मूलचंद मेडिसिटी अस्पताल की वरिष्ठ न्यूरोसर्जन कंसल्टेंट डॉ. आशा बक्शी ने बताया कि हमारे अस्पताल में पिछले एक महीनें में 10-15 स्ट्रोक के मरीज एडमिट हुए हैं। हम नहीं जानते कि स्ट्रोक के मामलों में अचानक इतनी वृद्धि कैसे हुई। कुछ मरीज पोस्ट कोविड दिक्कतों के कारण भर्ती हुए हैं। पर ऐसे कई लोग हैं जो स्ट्रोक के खतरे के नजदीक थे और कोरोना के कारण अपना समयानुसार हेल्थ चेकअप नहीं करा पाए।

स्ट्रोक मौजूदा समय में मौत का या लंब समय की विकलांगता का कारण बनती है। जब रक्त मस्तिष्क के एक हिस्से में नहीं पहुंच पाता है या बंद हो जाता है तब स्ट्रोक का अटैक आता है।

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डॉ.बक्शी ने कहा कि उच्च रक्तचाप दोनों तरह के स्ट्रोक को आमत्रंण दे सकता है। उन्होंने कहा “अगर कोई पहले से उच्च रक्तचाप या हायपरटेंशन से पीड़ित है तो उसे अपना नियमित जांच करवाना चाहिए। अगर लेवल हाई है तो अपने फिजिशियन से बात कर दवाई की डोज के बारे में फिर से जानकारी लेनी चाहिए ताकि इससे बचाव किया जा सके।”

मधुमेह के रोगियों पर भी स्ट्रोक का खतरा ज्यादा।

वहीं, फोर्टिस के चेयरमैन डॉ. अनूप मिश्रा ने बताया कि हाइपरटेंशन, मधुमेह और हाई कोलेस्ट्राल से ग्रस्त व्यक्तियों नें मस्तिष्क संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। “जिसे तुरंत एक अच्छे डाइट, व्यायाम और नमक के कम उपयोग से ठीक किया जा सकता है।“

डॉ. शमशेर द्विवेदी, चेयरमैन न्यूरोसाइंस डिवीजन, VIMHANS ने कहा कि “लोगों से कम मिलना-जुलना व अकेलेपन में लोग शराब व धुम्रपान का सेवन करने लगते हैं। इसके सेवन से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। कोरोना के दौरान ऐसे लोगों की स्थिति और भी खराब हो गई। इसके अलावा लोगों को समय समय पर खुद ही ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए ताकि स्ट्रोक से बचा जा सके।“

 

स्ट्रोक के संबंध में इन बातों का रखें ध्यान

-    अचानक से आवाज लड़खड़ाना

-    मांसपेशियों में कमजोरी

-    चेहरे का विचलन

-    अचानक से देखने में परेशानी आना

सलाह :

अगर किसी भी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण मिले तो वह तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह ले। समय पर अगर इस बीमारी का इलाज किया जाए तो मौत के खतरे को टाला जा सकता है।

स्ट्रोक को दूर रखने के तीन उपाय :

 नियमित स्व्स्थ्य जांच – मधुमेह, हायपरटेंशन, दिल की बीमारी, हाई कोलेस्ट्रॉल, शराब के आदि व वृद्ध व्यकतियों को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए।

 समय पर दवाओं का सेवन – रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर के सुझाव के अनुसार अपने दवाओं का सेवन समय पर करना चाहिए। 

दिल के रोगियों के लिए – ऐसे मरीजों को समय-समय पर अपनी दवाईयों की डोज की जांच डॉक्टर से करवाते रहना चाहिए। जिससे की हेमरेज का खतरा टाला जा सके।

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