आर्थिक संकट में घिरी BSNL, 1.76 लाख कर्मचारियों को नहीं मिली फरवरी की सैलरी!
- सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) बड़े संकट में फंस गई है
- बीएसएनएल ने अभी तक अपने करीब 1.76 लाख कर्मचारियों को फरवरी की सैलरी नहीं दी है
- बीएसएनएल की करीब 55 फीसदी आमदनी वेतन के भुगतान में जाती है
नई दिल्ली: सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) बड़े संकट में फंस गई है. वित्तीय संकट से जूझ रही बीएसएनएल ने अभी तक अपने करीब 1.76 लाख कर्मचारियों को फरवरी की सैलरी नहीं दी है. कर्मचारी संघ ने दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर जल्द समाधान के लिए कहा है. आपको बता दें कि बीएसएनएल की करीब 55 फीसदी आमदनी वेतन के भुगतान में जाती है. वहीं, कंपनी का वेतन बिल सालाना 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. कंपनी की आमदनी स्थिर है.
#ExpressBiz | This is the first instance of the company defaulting on salary payments underlining the tough times for it ahead.https://t.co/88in0fXhrO
— The Indian Express (@IndianExpress) March 12, 2019
क्यों नहीं मिली सैलरी
ये भी पढ़े : 20 साल के कॉलेज छात्र ने बनाया रियल एस्टेट क्षेत्र में क्रांति लाने वाला पोर्टल
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, मार्च महीने के वेतन में कुछ दिनों की देरी होगी. कंपनी के पास आमतौर पर बिजनेस कंपनियों की ओर से बिलिंग भुगतान के बाद पैसा आता है. बीएसएनएल बोर्ड ने बैंक लोन लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन दूरसंचार विभाग ने अभी तक इसे आगे नहीं बढ़ाया है. बीएसएनएल का घाटा हर साल बढ़ता जा रहा है. इसने वित्त वर्ष 18 के लिए लगभग 8,000 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 17 में यह 4,786 करोड़ रुपये था.
सरकार ने कहा- मनोज सिन्हा ने बीएसएनएल (एयूएबी) के सभी यूनियनों और एसोसिएशनों के एक पत्र में कहा, अन्य टेलीकॉम ऑपरेटरों भी वित्तीय संकट का सामना किया जा रहा है, लेकिन ये कंपनियां निवेश कर स्थिति को मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं.
बीएसएनएल के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने केरल, जम्मू और कश्मीर, ओडिशा और कॉरपोरेट कार्यालय में कर्मचारियों को फरवरी का वेतन देना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा जब आमदनी होगी तो कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाएगा. क्योंकि सरकार ने कोई वित्तीय सहायता नहीं दी है, इसलिए वेतन में देरी हो रही है.
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
Read more Noida की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।