Cafe Coffee Day के मालिक ने नदी के पास कार रुकवाई, कॉल की और फिर गायब... 7000 करोड़ का है कर्ज

संक्षेप:

  • कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) के मालिक और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के दामाद वी जी सिद्धार्थ अचानक लापता हो गए हैं.
  • सिद्धार्थ पर बकाया है आयकर विभाग के 300 करोड़ रुपये. 
  • 7000 करोड़ के कर्ज में डूबा है Cafe Coffee Day का बिजनेस एंपायर

बेंगलुरू: तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कंपनी कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) के मालिक और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के दामाद वी जी सिद्धार्थ अचानक लापता हो गए हैं. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धार्थ 29 जुलाई को मंगलुरु आ रहे थे और बीच रास्ते में सोमवार शाम 6.30 बजे गाड़ी से उतर गए और टहलने लगे. वो टहलते-टहलते ही लापता हो गए जिसके बाद उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ आने लगा. इस हाई प्रोफाइल मामले को देखते हुए पूरा पुलिस महकमा उनकी तलाश में जुट गया है. दामाद के लापता होने की वजह से एस एम कृष्णा का पूरा परिवार परेशान है.

नेत्रावती नदी में गोताखोरों की टीम कर रही तलाश

एक तरफ लापता सिद्धार्थ की तलाश में दक्षिण कन्नड़ पुलिस जुटी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी एसएम कृष्णा के आवास पर पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी ली. वी जी सिद्धार्थ 29 जुलाई की शाम नेत्रावती नदी के पास से गायब हुए हैं. तब से लेकर अब तक परिवार के किसी भी सदस्य का उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. सिद्धार्थ को खोजने के लिए कर्नाटक पुलिस ने नेत्रावती नदी में कई बोट और गोताखोरों की पूरी टीम उतार दी है जो तलाशी अभियान चला रही है. बता दें कि नेत्रावती नदी से कुछ ही दूरी पर समुद्र भी है. सिद्धार्थ को ढूंढने के लिए मंगलवार की सुबह शुरू हुए सर्च ऑपरेशन में खुद वहां के स्थानीय कांग्रेस विधायक अब्दुल खादेर भी जुट गए हैं. 

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इस मामले को लेकर विधायक अब्दुल खादेर ने कहा,

`हम बहुत चिंतित हैं कि हमारे दोस्त, एक बहुत ही अच्छे व्यक्ति और हजारों लोगों को नौकरी देने वाला कोई व्यक्ति कल रात से लापता है.`

सिद्धार्थ ने कॉफी को आम लोगों तक पहुंचाया, 150 सालों से परिवार का कॉफी की खेती से है जुड़ाव

कैफे कॉफी डे के संस्थापक वी.जी. सिद्धार्थ का नाता ऐसे परिवार से है जिसका जुड़ाव कॉफी की खेती की 150 वर्ष पुरानी संस्कृति से है. उनके परिवार के पास कॉफी के बागान थे, जिसमें महंगी कॉफी उगाई जाती थी. यह व्यापार के लिए सहायक हुआ, जो बाद में परिवार के लिए एक सफल व्यापार के रूप में स्थापित हुआ. `90 के दशक में कॉफी मुख्यतः दक्षिण भारत में ही पी जाती थी और इसकी पहुंच पांच सितारा होटल तक ही थी. सिद्धार्थ कॉफी को आम लोगों तक ले जाना चाहते थे. सिद्धार्थ का सपना और परिवार की कॉफी बिजनेस में गहरी समझ ही कैफे कॉफी डे की शुरुआत की वजह बनी.

पहली कॉफी शॉप इंटरनेट कैफे के साथ खोली गई

कैफे कॉफी डे की शुरुआत जुलाई 1996 में बेंगलुरू के ब्रिगेड रोड से हुई. पहली कॉफी शॉप इंटरनेट कैफे के साथ खोली गई. इंटरनेट उन दिनों देश में पैठ बना रहा था. इंटरनेट के साथ कॉफी का मजा नई उम्र के लोगों के लिए खास अनुभव था. जैसे-जैसे व्यवसायिक इंटरनेट अपने पैर फैलाने लगा, सीसीडी ने अपने मूल व्यवसाय कॉफी के साथ रहने का फैसला किया और देशभर में कॉफी कैफे के रूप में बिजनेस करने का निर्णय लिया.

देश के 247 शहरों में कैफे कॉफी डे के कुल 1,758 कॉफी शॉप हैं

शुरुआती 5 सालों में कुछ कैफे खोलने के बाद सीसीडी आज देश की सबसे बड़ी कॉफी रिटेल चेन बन गई है. इस समय देश के 247 शहरों में सीसीडी के कुल 1,758 कैफे हैं. खास बात यह है कि कंपनी फ्रैंचाइजी मॉडल पर काम नहीं करती और सभी कैफे कंपनी के अपने हैं. कंपनी का मूल्य करीब 3254 करोड़ रुपये है और साल 2017-18 में कंपनी ने 600 मिलियन डॉलर का बिजनेस किया था.

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