30 हजार होमबायर्स के लिए खुशखबरी, Unitech का टेक ओवर करेगा केंद्र सरकार

संक्षेप:

  • केंद्र सरकार ने यूनिटेक के 30 हजार होमबायर्स को राहत देते हुए कंपनी को टेक ओवर करने का फैसला किया है.
  • यूनिटेक के डायरेक्टर्स ने होमबायर्स और अन्य सोर्स से आए फंड का ज्यादातर हिस्से का गलत इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से सारे प्रॉजेक्ट्स बीच में लटक गए.
  • होमबायर्स ने मिलकर करीब 14270 करोड़ रुपये जमा किए थे. 

नोएडा: केंद्र सरकार ने यूनिटेक के 30 हजार होमबायर्स को राहत देते हुए कंपनी को टेक ओवर करने का फैसला किया है। यूनिटेक के डायरेक्टर्स ने होमबायर्स और अन्य सोर्स से आए फंड का ज्यादातर हिस्से का गलत इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से सारे प्रॉजेक्ट्स बीच में लटक गए। होमबायर्स ने मिलकर करीब 14270 करोड़ रुपये जमा किए थे। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से साफ-साफ कहा है कि वह इसमें पैसा नहीं लगाएगा, बल्कि अन्य विकल्पों पर काम किया जाएगा।

यदुवीर सिंह मलिक को नया चेयरमैन बनाया गया है

बहुत ही अच्छा खबर आम आदमी के लिये जो अपने मकान के लिये पॉज़ लगाये थे. हमारे देश मे बिल्डर और प्रमोटर को बहुत ही सख्त कानून मे रखना हो क्यों की ए लोग अक्सर आदमी को दोखा देता है. यह दूसरी दफा है जब केंद्र ने इस तरह किसी कंपनी का टेक ओवर किया हो। इससे पहले 2009 में सत्यम का सरकार ने टेक ओवर किया था, बाद में महिंद्रा आईटी ने कंपनी को टेक ओवर किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी यदुवीर सिंह मलिक को चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया है। इसके अलावा 6 अन्य डायरेक्टर की नियुक्ति का भी प्रस्ताव है।

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5063 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं किया गया

बता दें कि फरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, होमबायर्स ने करीब 14270 करोड़ रुपये जमा किए थे। इसके अलावा यूनिटेक ने 6 अलग-अलग फाइनैंशल इंस्टिट्यूशन्स से 74 हाउसिंग प्रॉजेक्ट के लिए 1806 करोड़ का कर्ज लिया। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने 5063 करोड़ (40 फीसदी) रुपये का कोई इस्तेमाल ही नहीं किया।

फॉरेंसिक ऑडिट में हुआ हेराफेरी का खुलासा

कंपनी की फरेंसिक ऑडिट में पाई गई कि कंपनी के प्रमोटर्स ने हजारों करोड़ रुपये का गलत इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से मैनेजमेंट के लिए चालू प्रॉजेक्ट्स को जारी रख पाना मुश्किल हो गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह कंपनी का टेक ओवर कर ले। 2017 में खुद सरकार ने इस प्रक्रिया को शुरू किया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश पर ही प्रक्रिया रोक दी गई थी।

सरकार लिक्विडेशन प्रक्रिया को भी अपना सकती है

कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि केंद्र यूनिटेक के अधूरे प्रॉजेक्ट्स में पैसा नहीं लगाएगा। जो डायरेक्टर नियुक्त किए गए हैं, वे कानूनी प्रक्रिया से सुरक्षित रहेंगे। यह संभव है कि कोर्ट नव नियुक्त बोर्ड को यह कहे कि वह अनसोल्ड इंवेन्ट्री को खाली करे और जरूरत पड़ने पर कोर्ट होल्ड फंड को जारी कर सकता है। इसके अलावा सरकार लिक्विडेशन प्रक्रिया को भी अपना सकती है।

250 से ज्यादा सब्सिडी कंपनियां

यूनिटेक के बारे में कोर्ट में केंद्र की तरफ से जानकारी दी गई कि ग्रुप का 250 से ज्यादा सब्सिडी कंपनियां हैं, जिसमें 32 विदेशी सब्सिडी कंपनियां भी शामिल हैं। इसके अलावा यूनिटेक ग्रुप का लिब्या, साइप्रस, ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड, चैनल आइसलैंड जैसे देशों में फॉरन असोसिएट्स भी हैं।

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