एनसीआर के शहरों में बढ़ा साइबर अपराध, झारखंड के जामताड़ा में ट्रेनिंग लेकर युवक कर रहे ठगी

संक्षेप:

  • एनसीआर के शहरों में बढ़ा साइबर अपराध।
  • झारखंड के जामताड़ा में ट्रेनिंग लेकर युवक कर रहे ठगी।
  • जामताड़ा को टक्कर दे रहा राजस्थान का अलवर व भरतपुर।

नोएडा. हम जामताड़ा के देवता हैं, हमको कोई बुलाता नहीं। हम प्रकट होते हैं। वेब सीरीज जामताड़ा के इस डायलॉग से मशहूर झारखंड का जामताड़ा नोएडा और एनसीआर के लिए सिरदर्द बन गया है। नोएडा और आसपास में होने वाले हर पांचवें साइबर अपराध में जामताड़ा मॉड्यूल सामने आ रहा है। जांच में पता चला है कि जामताड़ा में ठगी की ट्रेनिंग लेकर साइबर जालसाज नोएडा समेत बड़े शहरों में साइबर ठगी कर रहे हैं। जामताड़ा मॉड्यूल अब यूपी साइबर क्राइम सेल के निशाने पर है।

एनसीआर के शहरों में बढ़ा साइबर अपराध

नोएडा-ग्रेनो समेत एनसीआर के शहरों में साइबर अपराध काफी बढ़ गए हैं। नोएडा सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने में 150 से अधिक मामलों की जांच चल रही है।इनकी जांच में 30 से 35 मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें जामताड़ा मॉड्यूल मिले हैं। इस वर्ष भी पचास से अधिक मामले बड़े साइबर क्राइम के दर्ज हुए हैं। यूपी साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह का कहना है कि नोएडा से लेकर प्रदेश के कई शहरों में हो रहे साइबर फ्रॉड में यह बात सामने आई है कि इनमें जामताड़ा मॉड्यूल से जुड़े साइबर अपराध शामिल हैं।

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जामताड़ा में लेते हैं साइबर ठगी की ट्रेनिंग

जांच और कई साइबर अपराधियों ने पूछताछ में यह पता चला है कि जामताड़ा में साइबर ठगी की ट्रेनिंग लेकर जालसाजी के गुर सीखे और एनसीआर समेत बड़े शहरों के लोगों को निशाना बनाया। एक कॉल से रातोंरात लाखों की कमाई कर अमीर बनने का ख्वाब लेकर सैकड़ों युवा जामताड़ा में साइबर ट्रेनिंग लेते हैं। ऐसे लोगों को खेतों और  पहाड़ियों में ट्रेनिंग दी जाती है। यूपी साइबर पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि जामताड़ा में 150 से ज्यादा गांव ऐसे हैं, जहां इनका धंधा फल-फूल रहा है। बाकायदा इस धंधे को जानने व समझने के लिए पाठशाला की जाती है।

जामताड़ा को टक्कर दे रहा अलवर व भरतपुर

अब तक साइबर ठगी का नाम सुनते ही लोग जामताड़ा को याद करते हैं लेकिन अब राजस्थान के अलवर-भरतपुर भी जामताड़ा को टक्कर दे रहे हैं। अलवर-भरतपुर और मेवात क्षेत्र में भी क्रैश कोर्स के जरिये साइबर ठग बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। यूपी साइबर क्राइम पुलिस की जांच और पूछताछ में यह बात सामने आई है कि मेवात के कुछ स्थानों पर ड्रेस कोड में ठगी का कोर्स कराया जाता है। इस सेंटर में सात दिन से एक महीने के क्रैश कोर्स की फीस 50 हजार से एक लाख है।

फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वालों को तवज्जो

यूपी साइबर क्राइम पुलिस की जांच में यह भी बात सामने आई है कि जामताड़ा, भरतपुर और मेवात में साइबर ठगी की ट्रेनिंग लेने के इच्छुक लाेगों से पहले साइबर अपराधी कड़ी पूछताछ करते हैं। फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को तवज्जो दी जाती है। इंटरव्यू में यह पूछा जाता है कि ठगी का कोर्स क्यों करना है, कैसे लोगों को टारगेट करना है। इसके साथ उनके पास फर्जी दस्तावेज, लैपटॉप आदि होना चाहिए।

एनसीआर के ही रहने वाले हैं साइबर ठग

युपी साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया जामताड़ा मॉड्यूल से जुड़े हैं। जामताड़ा के अलावा अब मेवात और भरतपुर मॉड्यूल भी तेजी से सामने आ रहा है। इन स्थानों पर बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है।

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