दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन के लिए ग्रेटर नोएडा से सर्वेक्षण शुरू, 800 KM मुख्य गलियारा अयोध्या से भी जुड़ेगा

संक्षेप:

नोएडा: दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) सर्वेक्षण का काम ग्रेटर नोएडा से शुरू हो गया है। अत्याधुनिक एरियल लिडार व इमेजरी सेंसरों से लैस एक हेलिकॉप्टर ने पहली उड़ान भरी और जमीनी सर्वेक्षण से संबंधित आंकड़ों को कैमरे में कैद किया। अगले तीन-चार महीने में जमीनी विवरण के आंकडे़ जुटाकर इस परियोजना के ट्रैक का एलाइनमेंट तय किया जाएगा। इस काम में 60 मेगापिक्सल कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। दिल्ली से वाराणसी करीब 800 किमी तक का मुख्य गलियारा अयोध्या से भी जुड़ेगा।

नोएडा: दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लिडार) सर्वेक्षण का काम ग्रेटर नोएडा से शुरू हो गया है। अत्याधुनिक एरियल लिडार व इमेजरी सेंसरों से लैस एक हेलिकॉप्टर ने पहली उड़ान भरी और जमीनी सर्वेक्षण से संबंधित आंकड़ों को कैमरे में कैद किया। अगले तीन-चार महीने में जमीनी विवरण के आंकडे़ जुटाकर इस परियोजना के ट्रैक का एलाइनमेंट तय किया जाएगा। इस काम में 60 मेगापिक्सल कैमरों का उपयोग किया जा रहा है। दिल्ली से वाराणसी करीब 800 किमी तक का मुख्य गलियारा अयोध्या से भी जुड़ेगा।

जेवर एयरपोर्ट को भी जोड़ेगा

हवाई सर्वेक्षण में प्रस्तावित योजना के आसपास के 300 मीटर क्षेत्र का सर्वे किया जा रहा है। इस माध्यम से संरचनाओं, स्टेशन, डिपो का स्थान, गलियारे के लिए भूमि की आवश्यकता, योजना प्रभावित भूखंडों की पहचान के लिए आंकड़ों को जुटाया जाएगा। इस क्षेत्र में भारतीय सर्वेक्षण विभाग दिल्ली-वाराणसी नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर पर विमान को उड़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की विस्तृत योजना रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।

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जेवर हवाई अड्डे को भी जोडे़गा

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए विस्तृत योजना रिपोर्ट पिछले साल रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है। दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की प्रस्तावित योजना दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों से जोड़ेगी। हाई स्पीड रेल मार्ग उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी जोड़ेगा।

कई शहरों को जोड़ा जाएगा

नई दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के सर्वेक्षण में कई शहरों को जोड़ा गया है। नोएडा से शुरू होकर मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, अयोध्या, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी में यह कॉरिडोर खत्म होगा। ट्रेन मथुरा, अयोध्या, प्रयागराज से होकर गुजरेगी। वाराणसी-नई दिल्ली (865 किमी) रूट पर प्रस्तावित बुलेट ट्रेन वाराणसी से नई दिल्ली का सफर महज ढाई घंटे में तय होगा। 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलेगी।

दूसरी बार लिडार तकनीक से सर्वे

प्रस्तावित वाराणसी-नई दिल्ली कॉरिडोर में बहुत चुनौतियां हैं। इसमें घनी आबादी वाले शहरी और ग्रामीण क्षेत्र, राजमार्ग, सड़कें, नदियां, खेत आदि शामिल हैं जो इस गतिविधि को और अधिक चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। इस वजह से एनएचआरसीएल (नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने लिडार तकनीक अपनाने का फैसला लिया है और हेलीकॉप्टर व उपकरणों का निरीक्षण चल रहा है। भारतीय रेलवे में इस तरह का पहला सर्वेक्षण मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए किया गया था। ऐसा दूसरी बार है, जब बनारस-नई दिल्ली हाई स्पीड रेल कॉरिडोर में लिडार तकनीक का सहारा लिया गया है।

भारत-जापान सहयोग :

जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो आबे के वाराणसी दौरे और गंगा आरती में शामिल होने के पूर्व ही भारत जापान में बुलेट ट्रेन संचालन को लेकर समझौता हो चुका था। वाराणसी आने के दौरान ही शहर के लोगों को अंदेशा हो गया था कि आने वाले दिनों में जापान के सहयोग से इस रूट पर भी बुलेट ट्रेन भविष्य में दौड़ेगी। उसी समय घोषित जापान के सहयोग से बन रहे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर भारत और जापान के साझा सहयोग के केंद्र के तौर पर जाना जाता है।

पर्यटन को बढ़ावा:

उत्तर प्रदेश की दो प्रमुख धर्म नगरी अयोध्या और काशी को वाराणसी-नई दिल्ली हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के जरिए जोड़ने का प्लान है। उम्मीद है कि इससे प्रयागराज और अयोध्या के विकास के साथ ही काशी में पर्यटन और धर्म आधारित गतिविधियों को गति मिलेगी। अयोध्या में एक ओर निर्माण जारी है तो दूसरी ओर काशी में कोरोना संक्रमण के बाद से ही मेगा परियोजनाओं को गति मिलने लगी है।

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