भारत से नमक की भीख मांग रहा अमेरिका, दुनिया के सबसे ताकतवर देश को क्यों पड़ रही है नमक की जरूरत

संक्षेप:

  • जानिए क्यों अमेरिका को पड़ी भारत से नमक की जरूरत
  • दुनिया के सबसे ताकतवर देश को पड़ रही नमक की जरूरत
  • भारत से नमक की मांग नमक निर्माताओं के लिए बन गई वरदान 

लंबे समय से अमेरिका और यूरोप में हो रहे बर्फबारी के कारण नमक की मांग में बढ़ोतरी हुई है.  दरसल, अमेरिका और यूरोप में इतनी बर्फबारी हो रही है की सड़कों पर भारी बर्फ जम गए हैं.  

आपको बता दें की सड़कों से बर्फ हटाने के लिए नमक का इस्तेमाल किया जाता है और अमेरिका में 90 फीसदी नमक भारत से जाता है.  सड़कों से बर्फ को हटाने का काम ज्यादातर सोडियम क्लोराइड या अन्य केमिकल का उपयोग करके होता है. बर्फबारी के चलते सड़कें फिसलने लगती है इस वजह से दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जल्द से जल्द बर्फ को पिघलाना जरूरी होता है.

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ये बर्फ़बारी  में भारत से नमक की मांग नमक निर्माताओं के लिए वरदान बन गई है. 

दरसल, गुजरात में बनने वाला नमक चीन के रास्ते यूरोप, अमेरिका और रूस पहुंचता है. इसमें लॉजिस्टिक का खर्च भी कम आता है. चीन भी भारत से बड़ी मात्रा में नमक आयात करता है और यह अपना खराब क्वॉलिटी वाला नमक ध्रुवीय प्रदेशों में डीआइसिंग के लिए निर्यात करता है.

इंडियन साल्ट मैन्युफैक्चरर असोसिएशन (ISMA) के मुताबिक दो साल में चीन को होने वाले नमक के निर्यात में लगभग दोगुने की वृद्धि हो गई है. यूएस डीआइसिंग के लिए पहले खराब क्वॉलिटी के नमक का इस्तेमाल करता था, लेकिन अब वह अच्छा नमक इस्तेमाल करता है.

कच्छ के नमक निर्माताओं का मानना है कि डीआइसिंग में सस्ता केमिकल उपयोग करने के लिए ही गुजरात से दुनियाभर में नमक का निर्यात बढ़ गया है. सामान्य तौर पर सितंबर से इसकी मांग बढ़ जाती है. इस दौरान 7 से 8 लाख टन नमक प्रति महीने निर्यात होता है.

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