नोएडा में UP Police के एक SP के घर से चल रहा था ड्रग्स का कारोबार, पकड़ाया 1800 KG ड्रग्स का जखीरा
- सुबह 9 बजे से रात 12 बजे तक चली छापेमारी, पुलिस रही बेखबर
- महिला ने बताया, ग्रेनो से दिल्ली-एनसीआर व विदेशों में ड्रग्स सप्लाई होती थी
- आरोपियों ने 24 हजार रुपये प्रति माह के किराये पर लिया था मकान
नोएडा: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने ग्रेनो के पी-4 सेक्टर स्थित यूपी पुलिस के एक एसपी के मकान पर छापा मारकर 1800 किलो ड्रग्स बरामद की है. इसकी कीमत 400 करोड़ रुपये आंकी गई है. एनसीबी ने दावा किया है कि देश में पकड़ी गई ड्रग्स की अब तक की सबसे बड़ी खेप है. इस मामले में दक्षिण अफ्रीकी मूल की एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. महिला ने पूछताछ में बताया कि ग्रेनो से ड्रग्स की सप्लाई दिल्ली-एनसीआर व विदेशों में होती थी. बरामद ड्रग्स के जखीरे के बारे में 3 दिन तक स्थानीय पुलिस को खबर नहीं थी.
DG NCB fruther informed that busted drug syndicate was operating from NCR(Gr NOIDA) & also seized 1.8 Kg #Cocaine from their possession. This seized Pseudoephedrine is precursor for manufacturing of drug Methamphetamine which is most popular in Europe & South East Asia. pic.twitter.com/O5As2RgeXD
— NCB INDIA (@narcoticsbureau) May 11, 2019
दिल्ली एयरपोर्ट पर हुई गिरफ्तारी से मिला सुराग
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दिल्ली एयरपोर्ट पर गुरुवार को एनसीबी ने दक्षिणी अफ्रीकी मूल की एक महिला को 24 किलो ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था. वह दक्षिण अफ्रीका जाने की तैयारी में थी. उसी की निशानदेही पर एनसीबी ने उसी दिन ग्रेनो में छापा मारकर ड्रग्स का जखीरा बरामद किया. छापेमारी की कार्रवाई सुबह 9 बजे रात 12 बजे तक चली. उसके बाद शनिवार को दिल्ली में प्रेसवार्ता कर मामले की जानकारी दी गई. एसएसपी से लेकर थानेदार तक को इस मामले की जानकारी नहीं थी. यहां तक की एलआईयू भी पूरी तरह फेल साबित हुई. पुलिस किरायेदारों का वेरिफिकेशन करने का दावा करती है, लेकिन यहां यह धंधा 3 साल से चल रहा था. लगातार सेक्टर के लोग अफ्रीकी मूल के लोगों की शिकायत कर रहे थे. उसके बाद भी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच नहीं की. दिल्ली में खुलासे के बाद स्थानीय पुलिस शनिवार शाम जांच के लिए पहुंची और आसपास रह रहे अफ्रीकी मूल के लोगों के मकानों की तलाशी ली.
किराये पर दिया था मकान
ड्रग्स का धंधा जिस मकान से चल रहा था वह लखनऊ में तैनात एसपी देवेन्द्र पी. एन. पांडेय का है. फिलहाल वह वीवीआईपी ड्यूटी में तैनात हैं. उन्होंने बताया कि एजेंट के माध्यम से मकान को किराये पर दिया था. हर माह 24 हजार रुपये किराया तय हुआ था. किरायेदारों पर बिजली व किराये का करीब 5 लाख रुपये बकाया हैं. उन्हें नहीं पता था कि मकान में यह सब हो रहा है.
पहले भी पकड़ी गई थी ड्रग्स की फैक्ट्री
इससे पहले भी ग्रेनो के ओमीक्रॉन-2 में नशीला पदार्थ बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी. इसमें अफ्रीकी मूल के 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. यहां से काफी मात्रा में सामान बरामद हुआ था. अप्रैल में इस मामले में अफ्रीकी मूल के लोगों को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सजा भी सुनाई थी.
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