अब टीचरों का सेल्फी लेना होगा जरुरी,नहीं तो कट जाएगी सैलरी

संक्षेप:

  • नए सत्र से सेल्फी और वाट्सएप के जरिए टीचरों पर नजर रखी जाएगी
  • इस सत्र से लेट और गैरहाजिर रहने वाले टीचरों पर पूरी तरह नकेल कसने की तैयारी
  • टीचरों पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिंग सेल का गठन कर दिया गया है

सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने की बेहद जरुरत है। जिसको लेकर सरकार नए कदम उठा रही है। लेकिन बदलाव नज़र नहीं आ रहा है और एक बार फिर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से एक और कदम उठाया गया है। बता दें, नए सत्र से सेल्फी और वाट्सएप के जरिए टीचरों पर नजर रखी जाएगी। इस सत्र से लेट और गैरहाजिर रहने वाले टीचरों पर पूरी तरह नकेल कसने की तैयारी शिक्षा विभाग की तरफ से की जा रही है। विभागीय अधिकारियों की माने तो टीचरों पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिंग सेल का गठन कर दिया गया है। फिलहाल टीचरों के नंबर शिक्षा विभाग की तरफ से जुटाने शुरू कर दिए गए है। अफसरों का दावा है कि नए सत्र से यह प्रक्रिया लागू कर दी जाएगी।

ऐसे होगी निगरानी

बेसिक शिक्षा अधिकारी बाल मुकुंद ने बताया कि मॉनिटरिंग सेल का गठन किया जा चुका है। मॉनिटरिंग सेल हर माह टीचरों का डेटा तैयार करेगी। मॉनिटरिंग सेल डेली कभी भी टीचरों की स्कूल से सेल्फी मंगवाएंगी या फिर वाट्सएप के जरिए टीचरों से आॅनलाइन बात करेंगे। ताकि उनकी सीधी लोकेशन की जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि स्कूलों से गैरहाजिर और समय से स्कूल न पहुंचने वाले टीचरों पर नजर रखने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि स्मार्टफोन न रखने वाले टीचरों की डिटेंल दूसरे टीचरों से ली जाएगी। साथ ही मॉनिटरिंग सेल स्टूडेंट्स का भी सहारा टीचरों की लोकेशन जानने के लिए ले सकते हैं।

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हर साल टीचरर्स स्कूल से बगैर छुट्टी लिए बिना ही गायब रहते हैं। इसके अलावा समय पर क्लास में न पंहुचने की भी कई शिकायतें शिक्षा विभाग के अफसरों को मिलती रही है। विभाग की तरफ से ऐसे टीचरों पर नकेल भी कसी गई। लेकिन शिक्षा विभाग पूरी तरह अंकुश नहीं लगा पाया है। इस बार शिक्षा विभाग नकेल कसने के लिए हाईटेक तकनीकी का सहारा लेने जा रही है। इसके तहत टीचर का झूठ भी पकड़ा जाएगा। साथ ही शिकायत मिलने पर विभागीय अफसर एक्शन भी ले सकेंगे।

इतना ही नहीं स्मार्टफोन न रखने वाले टीचरों की भी सीधी मॉनिटरिंग होगी। मॉनिटरिंग सेल का गठन किया गया है। मॉनिटरिंग सेल की जिम्मेदारी तीन लोगों पर होगी। शिक्षकों की लोकेशन की जानकारी के लिए विभागीय अफसर मॉनिटरिंग सेल से टीचरों की लोकेशन के बारे में डेली रिपोर्ट लेंगे। स्मार्टफोन न रखने वाले टीचरों की लोकेशन के बारे में अन्य टीचरों के साथ-साथ मौके पर विभागीय अफसर सीधा किसी भी स्टूडेंट्स से बातचीत करेंगे।

 

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