पेश हुआ मोदी सरकार का इकोनॉमिक सर्वे, 7% रहेगी GDP की रफ्तार, 7 प्वाइंट्स में समझिए रोडमैप
- बजट से एक दिन पहले यानी आज 4 जुलाई को देश की अर्थव्यवस्था की सेहत और चुनौतियों के साथ रिफॉर्म का रोडमैप बताने वाला इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया हैं.
- इसमें बताया गया है कि साल 2019-20 के लिए देश की GDP ग्रोथ 7 फीसदी रह सकती हैं.
- इकोनॉमिक सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने तैयार किया है
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को पेश होने जा रहा है. बजट से एक दिन पहले यानी आज 4 जुलाई को देश की अर्थव्यवस्था की सेहत और चुनौतियों के साथ रिफॉर्म का रोडमैप बताने वाला इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया हैं. इसमें बताया गया है कि साल 2019-20 के लिए देश की GDP ग्रोथ 7 फीसदी रह सकती हैं. आपको बता दें कि इकोनॉमिक सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने तैयार किया है और इसमें दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते में देश के समक्ष चुनौतियों को भी बताया गया है.
Finance Minister Nirmala Sitharaman tables #EconomicSurvey2019 in the Rajya Sabha. pic.twitter.com/B8bh6iwuWN
— ANI (@ANI) July 4, 2019
आर्थिक सर्वे 2019-20 संसद में पेश-सरकार ने बताया है कि इस साल देश की आर्थिक ग्रोथ बेहतर रहने का अनुमान है. यह 7 फीसदी की ऊपर रह सकती है. वहीं, देश में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में हालात कुछ बेहतर हुए है. ऐसे में सीमेंट और स्टील की खपत भी बढ़ी है.
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आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि एनबीएफसी की सेहत बिगड़ने से ऑटो सेल्स की बिक्री में कमी आई है. साथ ही, एनपीए यानी डूबे कर्ज़ बढ़ने से बैंकों की बैलेंसशीट पर दबाव बढ़ा है.
आर्थिक सर्वेक्षण से जुड़ी रोचक बातें
(1) आर्थिक सर्वे को वित्त मंत्रालय का मुख्य दस्तावेज माना जाता है. अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं का इसमें जिक्र करते हुए आंकड़े पेश किए जाते हैं.
(2) आर्थिक सर्वे के मुताबिक ही बजट बनाया जाता है. आर्थिक सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार की टीम तैयार करती है. इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम की निगरानी में आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया जाएगा.
(3) सर्वे में कृषि और औद्योगिक उत्पादन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रोजगार, धन की आपूर्ति, कीमतें, आयात, निर्यात, विदेशी मुद्रा भंडार का विश्लेषण किया जाता है.
(4) आर्थिक सर्वे में नीतिगत विचार, आर्थिक मापदंडों पर मुख्य आंकड़ें गहन शोध होता है. इसमें अर्थव्यवस्था के क्षेत्रवार हालातों की रूपरेखा और सुधार के उपायों के बारे में बताया जाता है. इसमें बजट की झलक मिलती है.
(5) इस सर्वेक्षण को सभी लोग उपयोगी मानते हैं. इसमें तमाम आर्थिक नीतियों का विश्लेषण और विचार शामिल रहता है.
(7) मोदी सरकार ने साल 2015, 2016, 2017 और 2018 में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया था. साल 2015 में आर्थिक सर्वेक्षण जन-धन, आधार मोबाइल जैसी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया था. जिन्हें एक साथ JAM के तौर पर जाना जाता है.
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