पांच लाख रुपए का बकरा खाता है एक किलो ड्रायफ्रूट, एसी में रहता है ये दुम्बा

संक्षेप:

  • 22 अगस्त को बकरीद का पर्व
  • पांच लाख रुपए का बकरा बना आकर्षण का केंद्र
  • एसी में रहता है दुम्बा

जामा मस्जिद के बकरा बाजार में अलवरी नस्ल का सुल्तान आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक, करीब 200 किलो के इस बकरे की कीमत पांच लाख रुपए है. वहीं, बाजार में सुलतान पुर से आए लक्की और सनी नाम के बकरों की जोड़ी लोगों को आकर्षित कर रही है. इनकी कीमत भी पांच लाख रुएये रखी गई है.

हालांकि, कारोबारियों का कहना है कि इस बार बाजार में बकरे ज्यादा हैं लेकिन खरीदार नहीं हैं. मेवात से सुल्तान को लेकर आए अब्दुल कय्यूम ने अखबार को बताया कि करीब दो साल का सुल्तान सुबह-शाम 5 किलो दूध पीता है और रोज एक किलो ड्रायफ्रूट खाता है. इसके अलावा इसे 5 किलो दाना और 10 किलो चारा दिया जाता है. कारोबारी ने कहा कि बकरे की सही कीमत नहीं मिली तो वो इसे लेकर वापस गांव लौट जाएंगे. 

वहीं फरीदाबाद के बराही तालाब के पास रविवार को बकरीद के मद्देजर लगे बाजार में स्पेशल बकरे दुंबा को खरीदने को लेकर होड़ मची रही। इसे खरीदने के लिए लोगों ने 65 हजार रुपये तक की बोली लगई, लेकिन बकरे के मालिक हाजी मो. रईस कुरैशी इसे 1.20 लाख से कम में बेचने के लिए तैयार नहीं हैं। बकरे का ट्रीटमेंट भी आलीशान है। इसे खाने के लिए दालें, चने व पीने के लिए दूध दिया जाता है। इतना ही नहीं दुंबा को बकायदा एसी कमरे में रखा जाता है।

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दुंबा के अलावा बाजार में हीरा व भूरा भी पहुंचे, जिनकी कीमत 65 हजार रुपये थी। 22 अगस्त को मनाई जाने वाली बकरीद को लेकर बकरा बाजार गर्म है। मार्केट में हरियाणा के अलावा यूपी व राजस्थान के बकरों की धूम है। बकरीद पर कुर्बानी के बाजार में एक से बढ़कर एक नस्ल के बकरे मौजूद हैं।

बाजार में दुंबा, भूरा व हीरा बकरे के आ जाने से न केवल बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है, बल्कि महंगाई के इस दौर में जब खरीदार इन महंगे बकरों को नहीं खरीद पा रहे हैं तो अन्य कम कीमतों के बकरे खरीदकर बकरीद मनाने की तैयारी कर रहे हैं। बाजार में सबसे कम कीमत का बकरा भी करीब 8 हजार रुपये में है। बकरा मार्केट में लंबे कान वाला बकरा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा, जबकि भूरा व हीरा के बारे में बताया गया कि इनकी कीमत 65 हजार है और इनका वजन करीब 50 से 60 किलो है। 

बकरा कारोबारी सुलेमान ने बताया कि बाजार में लोग 8 हजार से 20 हजार रुपये तक के बकरों को ज्यादा खरीद रहे हैं। ओल्ड फरीदाबाद निवासी हाजी रईस कुरैशी ने बताया कि वह दुंबा को दिल्ली जामा मस्जिद से काफी समय पहले लाए थे। कुर्बानी के लिए यह इसे काफी अच्छा माना जाता है। दुंबा बकरे की पूंछ नहीं होती, बल्कि उस स्थान पर एक मांस होता है। दुंबा का वजन करीब 40 किलोग्राम है।

उन्होंने बताया कि इसकी कीमत 1.20 लाख रुपये रखी गई है, लेकिन अभी तक उसके खरीदार नहीं आ सके हैं। रविवार को 65 हजार रुपये तक इसकी बोली लग चुकी है। उन्होंने दावा किया कि दुंबा के खाने-रहने का बेहद खास इंतजाम किया हुआ है। उसे एयरकंडीशंड कमरे में रखा जाता है। दुंबा को खाने के लिए सुबह व शाम को एक एक किलो दाल, दो किलो दूध, चने व अन्य चीजें दी जाती हैं।

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