भारत के विकास दर में बड़ी गिरावट, जीडीपी 7.1 से गिरकर 5.7 प्रतिशत हुई

संक्षेप:

  • आर्थिक विकास की दर में बड़ी गिरावट
  • जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट केवल 5.7 फीसदी
  • पिछले वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी थी

नोएडा । आर्थिक विकास के मोर्चे पर खराब खबर है। वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर में गिरावट दर्ज हुई है। जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.7 प्रतिशत रही है। वहीं वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ रेट 6.1 फीसद रही थी। सालाना आधार पर बात करें तो बीते साल की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.1 फीसद रही थी।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ी गिरावट
जीडीपी में गिरावट की मुख्य वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई बड़ी गिरावट रही। जून तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसद रही है, जो बीते साल इसी तिमाही में 10.7 फीसद थी। इसके अलावा कृषि क्षेत्र की विकास दर में भी हल्की गिरावट देखने को मिली है। जून तिमाही में कृषि क्षेत्र की विकास दर मामूली गिरावट के साथ 2.3 फीसद पर रही है। जो बीते साल इसी तिमाही में 2.5 फीसद पर थी।

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अन्य क्षेत्रों में भी निराशाजनक प्रदर्शन
वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंस्ट्रक्शन गतिविधियां भी सुस्त पड़ती नजर आई हैं। जून तिमाही कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ रेट 2 फीसद पर रही है, जो इससे पिछले साल की इसी तिमाही में 3.1 फीसद के स्तर पर थी। वहीं जीडीपी में सबसे ज्यादा भागीदारी रखने वाले सेवा क्षेत्र की विकास दर जून तिमाही में 8.7 फीसद रही है, जो बीते साल समान तिमाही में 9 फीसद की दर से बढ़ रहा था।

चीन को पिछाड़ने का सपना था

आपको बता दें कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। हालांकि उन्होंने यह माना था कि ‘अच्छी नौकरियों’ का सृजन अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। पनगढ़िया ने कहा था, ‘‘मेरा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर कम-से-कम 7.5 प्रतिशत रह सकती है। साल की अंतिम तिमाही की ओर बढ़ने के साथ हम आठ प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने की बात उन्होंने कही थी।

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