गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा, चार नाइजीरियन गिरफ्तार

संक्षेप:

  • ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का कोतवाली पुलिस ने किया पर्दाफाश।
  • महंगे गिफ्ट और विदेशी मुद्रा भेजने के नाम पर ठगी।
  • आरोपी वर्ष 2014 में मेडिकल वीजा पर भारत आए थे।

नोएडा- सोशल मीडिया पर दोस्ती कर लोगों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दिल्ली में रहकर ठगी करने वाले गिरोह के चार नाइजीरियाई को गिरफ्तार किया है। आरोपी वर्ष 2014 में मेडिकल वीजा पर भारत आए थे। दिल्ली में रहकर वह महंगे गिफ्ट और विदेशी मुद्रा भेजने के नाम पर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से साढ़े तीन लाख रुपये नकद, चार लैपटॉप, 36 मोबाइल फोन, चार डोंगल व चार पासपोर्ट बरामद किए हैं। चारों की पहचान जस्टिन बिली, अब्राहम लिंकन, सिलवेस्ट्री और मार्टिन के रूप में हुई है।

नोएडा जोन के अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि कुछ दिनों पहले सेक्टर-28 निवासी सैन्य अधिकारी की पत्नी के साथ गिफ्ट भेजने के नाम पर 27 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया था। मामले की जांच के बाद कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस की टीम ने शनिवार को दिल्ली के तिलक नगर से चारों जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया। चारों नाइजीरियाई हैं। आरोपी दिल्ली में पालम, तिलक नगर व कृष्णा नगर इलाके में रहते थे। आरोपी सोशल मीडिया पर भारतीय महिलाओं और पुुरुषों को फर्जी नाम बताकर दोस्ती करते थे और जन्म दिन या दोस्ती के नाम पर महंगे गिफ्ट व विदेशी मुद्रा भेजने के नाम पर लाखों की ठगी करते थे। आरोपी नोएडा, दिल्ली, एनसीआर व उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में सैकड़ों लोगों से दोस्ती कर ठगी कर चुके हैं। आरोपियों के खिलाफ ठगी, पासपोर्ट अधिनियम का उल्लंघन करने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पता लगा रही है।

फर्जी प्रोफाइल बनाकर करते थे ठगी
पुलिस के मुताबिक आरोपी इंस्टाग्राम, फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाते थे। वह खुद को अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य देशों का नागरिक बताते थे। वह लोगों से दोस्ती कर धीरे-धीरे बातचीत शुरू करते थे। दोस्ती के बाद वह भारतीय नागरिकों को महंगे गिफ्ट भेजने को लेकर झांसा देते थे। अक्सर कई लाख का गिफ्ट आइटम व विदेशी मुद्रा भेजने के बात कही जाती थी। लोगों को बताया जाता था कि उन्हें केवल कस्टम ड्यूटी देकर गिफ्ट लेना होगा। फिर इसी गिरोह का दूसरा बदमाश कस्टम अधिकारी बन फोन कर पैसे वसूलता था।

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अमेरिकी आर्मी अधिकारी बन कर डराते थे
कई बार लोग कस्टम ड्यूटी अधिक होने के कारण गिफ्ट लेने से मना कर देते थे। चारों आरोपी ऐसे लोगों को अमेरिकी आर्मी के अधिकारी बनकर डराते थे। वह अपने व्हाट्सएप डीपी में यूएस आर्मी का डीपी लगाकर बात करते थे। साथ ही धमकाते हुए कहते थे कि आपके लिए जो विदेश से गिफ्ट व विदेशी मुद्रा भेजी गई है वह वह मनी लांड्रिंग की श्रेणी में आती है। अगर आप कस्टम ड्यूटी जमा नहीं करेंगे तो आपके विरुद्घ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जेल जाने की धमकी सुनकर कई बार डर से लोग जालसाजों को पैसे दे देते थे।
सोशल मीडिया पर दोस्ती कर महंगे गिफ्ट भेजने के नाम पर भारतीय नागरिकों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चार साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपी नाइजीरिया के रहने वाले हैं। वह कस्टम ड्यूटी के नाम पर भी धोखाधड़ी करते थे।- रणविजय सिंह, एडीसीपी, नोएडा।

वायरस भेजने से लेकर ई मेल से भी करते थे ठगी
आरोपी हर तरह के ऑनलाइन फ्रॉड में माहिर थे। कभी कंप्यूटर या मोबाइल में वायरस भेजकर ठगी करते थे तो कभी ई-मेल भेजकर फर्जीवाड़ा करते थे। पुलिस के मुताबिक नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद, गुरुग्राम, अलीगढ़ बरेली, कानपुर, आगरा से कई ऐसे मामले सामने आए हैं। इनमें ठगी का मास्टरमाइंड नाइजीरियाई मूल का ही था।

मेडिकल वीजा पर आए थे नाइजीरियाई, गिरोह बना करने ठगी
नोएडा। अंतरराष्ट्रीय साइबर जालसाजों ने भारतीय नागरिकों से ठगी करने के लिए हेल्थ टूरिज्म का बहाना बनाया था। नोएडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों नाइजीरियाई अलग-अलग मेडिकल वीजा पर भारत आए थे। आरोपी वर्ष 2014 से मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पासपोर्ट अधिनियम का उल्लंघन कर रहे रहे थे।
गिरफ्तार चारों नाइजीरियाई जस्टिन बिली, अब्राहम लिंकन, सिलवेस्ट्री और मार्टिन वर्ष 2014 में मेडिकल वीजा पर दिल्ली आए थे। इन लोगों ने दिल्ली के अस्पताल में इलाज कराने की बात कही थी। उन्होंने इससे संबंधित दस्तावेज भी तैयार किए थे। उसी आधार पर उन्हें वीजा जारी किया गया था। बाद में चारों ने मिलकर गिरोह बनाकर ठगी शुरू कर दी। पुलिस की जांच में पता चला है कि इस गिरोह में महिलाएं भी शामिल हैं।
आरोपी सोशल मीडिया पर दोस्ती कर भारतीय नागरिकों से चैट करते थे। जब फोन पर बातचीत करनी होती है तो युवती से युवक और युवक से युवती बात करती थी। ताकि दोस्ती का पूरा भरोसा दिलाया जा सके। यह गिरोह सिंगल फादर व सिंगल मदर होने का झांसा देकर भी भारतीय नागरिकों की सहानुभूति हासिल करते थे।

मुश्किल है पूछताछ करना
आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। आरोपी कुछ नहीं बोल रहे थे। कड़ाई से पूछताछ करने पर खुद को ही घायल कर लेते हैं। अभी तक इनके पास आठ बैंक खाते मिले हैं जो भारतीय नागरिकों के नाम पर हैं। इन आरोपियों ने इन बैंक खातों के बारे में बहुत जानकारी नहीं दी। पूछताछ में इतना पता चला कि ये आरोपी स्लम इलाके में रहने वाले भारतीय नागरिकों से संपर्क कर उन्हें मोटी रकम देकर खाते प्राप्त किए हैं। इन खातों में ही आरोपी पैसे मंगवाते थे।

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