जैन मुनि तरुण सागर की बिगड़ती हालत के आगे हारे डॉक्टर, अब ले रहे संथारा

संक्षेप:

  • जैन मुनि तरुण सागर की हालत गंभीर
  • 20 दिन पहले हुआ था पीलिया, डॉक्टरों ने मारी हार
  • गुरु पुष्पदंत सागर महाराज की आज्ञा से कर रहे संथारा

प्रसिद्ध जैन मुनि और राष्ट्र संत तरुण सागर की हालत गंभीर है। 20 दिन पहले उन्हें पीलिया हुआ था, जिसके बाद मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, उनके स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार नहीं हो रहा है। बुधवार को उन्होंने आगे इलाज कराने से मना कर दिया और अपने अनुयायियों के साथ गुरुवार शाम दिल्ली के कृष्णा नगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल आ गए। दिल्ली जैन समाज के अध्यक्ष चक्रेश जैन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तरुण सागर अपने गुरु पुष्पदंत सागर महाराज की स्वीकृति के बाद संथारा ले रहे हैं।

वहीं, पुष्पदंत सागर महाराज ने भी एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने बताया कि तरुण सागर की हालत गंभीर है। गुरुदेव ने इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है। साथ ही, मुनि सौरभ सागर और अरुण सागर से दिल्ली पहुंचने और तरुण सागर की समाधि में सहयोग करने के लिए कहा है। चक्रेश जैन ने बताया कि दिल्ली के आसपास के इलाकों में मौजूद संत सौरभ सागर, अनुमान सागर, शिवानंद, प्रश्मानंद और सौभाग्य सागर मुनिश्री से मिलने के लिए राधेपुरी की ओर विहार कर (पहुंच) रहे हैं।

तरूण सागर महाराज के प्रवचनों का टीवी पर प्रसारण होता है। वे अपने कड़वे प्रवचनों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। यहीं कारण है कि उन्हें क्रांतिकारी संत भी कहा जाता है। उनकी `कड़वे प्रवचन` नाम की पुस्तक भी काफी लोकप्रिय है। हाल ही में उन्होंने सरकार से दो बच्चों का नियम लागू करने का आग्रह किया था। उन्होंने मीडिया से कहा कि दो से ज्यादा बच्चों वाले हर व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह नीति सभी जातियों और धर्मों के लोगों पर लागू होनी चाहिए।

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कड़वे बोल के कारण कई बार उनकी कहीं बातों से विवाद भी खड़ा हो चुका है। दिल्ली के अलावा मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी उन्होंने प्रवचन दिये। हालांकि हरियाणा विधानसभा में उनके प्रवचन पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद संगीतकार विशाल डडलानी के एक ट्वीट ने काफी बवाल खड़ा कर दिया था। मामला बढ़ता देख विशाल को माफी भी मांगनी पड़ गई थी। इस विवाद के बाद आम आदमी पार्टी से जुड़े संगीतकार डडलानी ने राजनीति से अपने आप को अलग कर लिया था।

मध्यप्रदेश में हुआ था जन्म

तरुण सागर का असली नाम पवन कुमार जैन है। उनका जन्‍म 26 जून, 1967 को मध्यप्रदेश के दामोह जिले के गुहजी गांव में हुआ था। उनकी मां का नाम शांतिबाई और पिता का नाम प्रताप चंद्र था। बताया जाता है कि उन्होंने 8 मार्च, 1981 को घर-परिवार को त्यागकर संन्यास धारण कर लिया था।

संथारा क्या होता है

जैन धर्म में संथारा की प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया बुजुर्ग लोग अपनाते हैं। इसमें जब इंसान को आभास होता है कि उसकी मौत नजदीक है तो वह खाना-पीना छोड़ देता है। जैन धर्म शास्त्रों के मुताबिक उपवास के जरिए मौत प्राप्त करने की प्रकिया है। जैन धर्म में इसे मोक्ष प्राप्त करने की प्रक्रिया माना जाता है। हालांकि कोर्ट इसे बैन कर चुका है। राजस्थान हाईकोर्ट ने साल 2015 में इसे आत्महत्या जैसे अपराध की श्रेणी में रखा है। इसे अपनाने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 306 और 309 के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

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