जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने दिया इस्तीफा, कर्जदाताओं ने तत्काल दी 1500 करोड़ की मदद

संक्षेप:

  • नरेश गोयल जेट एयरवेज के प्रमुख प्रमोटरों में शामिल रहे
  • नरेश के बाद सीईओ विनय दुबे जेट को संकट से निकालने की कोशिश करेंगे
  • जेट एयरवेज पर 26 बैंकों का 8 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है

नई दिल्ली: कर्ज के जाल में फंसी जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल ने सोमवार को बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. नरेश गोयल ने कंपनी के चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले उन्होंने खुद इस्तीफे की पेशकश की थी. बता दें कि नरेश गोयल जेट एयरवेज के प्रमुख प्रमोटरों में से एक थे. उन्होंने संकट के बीच कर्मचारियों को भावुक पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह किसी भी बलिदान को तैयार हैं.
जेट ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से बयान में कहा, `भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में जेट के कर्जदाता डेट इंस्ट्रूमेंट्स के जरिये कंपनी में 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालेंगे. जेट ने यह भी कहा है कि कर्जदाताओं के नेतृत्व में एक `अंतरिम मैनेजमेंट कमेटी` का गठन कर दिया गया है, जो कंपनी के रोजाना के कामकाज और कैश फ्लो का प्रबंधन करेगी.

कर्जदाताओं के पास अब जेट की 50 फीसदी हिस्सेदारी

जेट एयरवेज के कर्जदाताओं ने कंपनी के बोर्ड और प्रबंधन को अपने नियंत्रण में ले लिया है. कर्जदाता कंपनी के लिए एक नया रणनीतिक पार्टनर ढूंढने को लेकर जल्द ही एक ऑक्शन की प्रक्रिया शुरू करेंगे. मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि कर्जदाताओं के पास अब जेट की 50.5 फीसदी हिस्सेदारी हो गई है, जबकि गोयल की हिस्सेदारी 50.1 फीसदी की आधी 25.5 फीसदी रह गई है. गोयल के इस्तीफे के बाद बीएसई पर जेट एयरवेज का शेयर 12.69 फीसदी उछलकर 254.50 रुपये पर बंद हुआ.

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लंबे समय से वित्तीय संकट से जूझ रहा है जेट एयरवेज

बता दें कि लंबे वक्त से जेट एयरवेज वित्तीय संकट से घिरा हुआ है। जिन कंपनियों से उसने प्लेन लीज पर लिए हैं उनका किराया रुका हुआ था. कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दी जा रही थी. नरेश गोयल के हटने के बाद जेट के ऋणदाता संघ के सदस्य उनके 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को एयरलाइंस में मिला सकते हैं. जिसके बाद आनेवाले हफ्तों में नए खरीददार की तलाश शुरू की जाएगी. नरेश के बाद सीईओ विनय दुबे जेट एयरवेज को संकट से बाहर निकालने की पूरी कोशिश करेंगे.

दूसरी तरफ खबर है कि जेट एयरवेज को आपातकालीन फंड मिलने का रास्ता भी दिख रहा है. इसमें पंजाब नैशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 25 साल पुरानी इस एयरलाइंस को प्राथमिकता पर फंड दिया जाएगा. ऋणदाता संघ द्वारा प्राथमिकता पर फंड मिलने से जेट एयरवेज को मदद मिलेगी. अब जबतक कंपनी को बचाने का कोई नया प्लान नहीं बन जाता तबतक यह चलती रह सकेगी.

26 बैंकों का 8 हजार करोड़ कर्ज

फिलहाल जेट एयरवेज पर कुल 26 बैंकों का कर्ज है. इसमें कुछ प्राइवेट और विदेशी बैंक भी शामिल हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं. अब इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा. एयरलाइंस पर करीब 8 हजार करोड़ का कर्ज है. जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे.

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