कैराना उपचुनाव में देवर, भाभी ने उड़ाई अमित शाह की नींद

संक्षेप:

कैराना उपलोकसभा चुनाव में इस बार पार्टियों के साथ प्रत्याशियों में जबरदस्त कसमाकस देखी जा रही है। दरअसल बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद खाली हुई इस लोकसभा सीट पर 28 मई को वोटिंग होगी और मतगणना 31 मई को की जाएगी। इस उपचुनाव पर पूरे देश की नजर कैराना चुनाव पर टिकी हुई है। क्‍योंकि इसे 2019 लोकसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है।

बता दें कि उपचुनाव से ठीक पहले कैराना में बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला जिससे बीजेपी को काफी नुकसान हो सकता है। बता दें कि सपा-रालोद की संयुक्त रुप से प्रत्याशी तबस्सुम हसन को निर्दलीय प्रत्याशी कंवर हसन का समर्थन मिल गया है।

दरअसल, कंवर हसन और तबस्‍सुम हसन दोनों सगे देवर-भाभी का रिश्‍ता है। कंवर हसन के चुनाव में खड़े होने से बीजेपी को काफी फायदा होने की संभावना जताई जा रही थी। वहीं, कांग्रेस नेता इमराज मसूद कई दिनों से कंवर हसन को समर्थन के लिए मनाने में लगे थे।

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बता दें कि आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन के खिलाफ सपा, बसपा और कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, लेकिन उनकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा उनके ही देवर कंवर हसन बने हुए थे। लेकिन अब परिवार में समझौता होने के बाद कंवर हसन ने उन्हें समर्थन देने का फैसला किया है। तबस्सुम हसन और कंवर हसन के बीच समझौता कराने में सबसे बड़ी भूमिका कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने अदा की है।

हालांकि तबस्सुम हसन के परिवार और इमरान मसूद की बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे, लेकिन तीन दिन पहले सपा नेता बलराम यादव की मौजूदगी में दोनों परिवारों के बीच सुलह समझौता हुआ हैं। इससे लगभग साफ हो गया है कि अब कैराना में महागठबंधन बनाम बीजेपी की सियासी लड़ाई होगी।

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