नोएडा -ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो पर मिलेगी पार्किग की सुविधा

संक्षेप:

  • स्टेशन पार्किंग की व्यवस्था को लेकर स्थिति स्पष्ट
  • मुसाफिरों को मिलेगी पार्किग की सुविधा
  • एक वर्ष के लिए मेट्रो का संचालन डीएमआरसी की ओर से किया जाएगा

नोएडा: नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) के शुक्रवार को स्टेशन पार्किंग की व्यवस्था को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। नोएडा -ग्रेटर नोएडा एक्वा लाइन मेट्रो पर 18 स्टेशनों मुसाफिरों को पार्किग की सुविधा मिलेगी। नॉलेज पार्क टू और ग्रेटर नोएडा आफिस मेट्रो स्टेशन पर पर्याप्त जगह उपलब्ध न होने की वजह से वजह से पार्किग ती सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।

अल्फा मेट्रो स्टेशन पर वर्तमान में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से पार्किंग उपलब्ध कराई जा रही है। एनएमआरसी अधिकारियों के एक्वा लाइन पर समय से दो माह पहले अक्टूबर में मेट्रो का संचालन शुरू हो सकता है। शुरुआती एक वर्ष के लिए मेट्रो का संचालन डीएमआरसी की ओर से किया जाएगा।

मेट्रो संचालन के बाद यह रूट एनसीआर का सबसे लंबा (29.707 किलोमीटर) ट्रैक बन जाएंगा। दिसंबर में इसे सेक्टर-71 में ब्लू लाइन से जोड़ा जा सकता है। एक्वा लाइन मेट्रो रूट पर 21 मेट्रो स्टेशन बनाए गए है। जिसमे 15 नोएडा व छह स्टेशन ग्रेटर नोएडा में है। दोनों की पहचान अलग-अलग रंगो से की जा सकेगी।

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22 सितंबर तक 11 कोच डिपो में आ जाएंगे। वर्तमान में पांच कोच आ चुके है। एक्वा लाइन में चार कोच की मेट्रो का संचालन होगा। एक कोच में 1034 यात्री सफर कर सकेंगे। पूरा ट्रेक स्टैंर्ड गैज पर आधारित है। यात्रियों की सुविधा के लिए फीडर बसें चलाई जाएंगी।

पार्यावरण को ध्यान में डिपो के साथ पूरा सिस्टम जीरो डिस्चार्ज होगा। वेस्ट पानी के लिए एक तलाब बनाया गया है। जिसमे संग्रहण के बाद रिसाइकलिंग की जाएगी। 21 स्टेशनों में से 18 स्टेशनों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इनकी क्षमता 200 से 250 वाहनों की होगी। हालांकि बाद में सभी स्टेशनों पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी।

इस रूट पर पड़ने वाली सोसाइटी, आईटी कंपनियों या मॉल की सीधे तौर पर मेट्रो से कनेक्टिविटी के लिए प्लान तैयार किया गया है। आवेदन करने पर फुट ओवर ब्रिज के जरिये इनको मेट्रो स्टेशन से जोड़ दिया जाएगा। इसका खर्चा व रखरखाव संस्था को उठाना पड़ेगा। दरसअल, इस तरह की प्ला¨नग यूरोप के देशों में संचालित होने वाली मेट्रो में देखी गई है।

यह पूरा रूट एलिवेटड है। लिहाजा स्टेशन व प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए मैन्युअल सीढि़यों का काम पूरा किया जा चुका है। इसके साथ ही मेट्रो स्टेशनों पर लगने वाली 102 लिफ्ट में एक 101 को लगाया जा चुका है। केवल एक लिफ्ट का काम एनएसईजेड में बचा हुआ है। चूंकि यह लिफ्ट सीधे एनएसईजेड परिसर में उतर रही है। वहीं से फुटओवर ब्रिज के जरिए मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी। 81 स्वाचालित सीढि़यों को भी लगाया जा चुका है। इन सभी का ट्रायल भी किया जा रहा है।

सभी 21 मेट्रो स्टेशनों की को-ब्राडिंग की जाएगी। इसके लिए कंपनियों से आवेदन मांगे गए थे, ताकि मेट्रो के संचालन में आने वाले खर्च व निर्माण लागत को निकाला जा सके। इसके लिए चाइनर ग्रुप, एक्पो मार्ट, एडवांट, पायनियर व इंडिया टीवी जैसी कंपनियों ने आवेदन किए हैं। वहीं, स्टेशन के अंदर व बाहर पिलर पर विज्ञापन के लिए भी कार्य किया जा रहा है। ताकि राजस्व में बढ़ोतरी हो सके।

स्टेशन एरिया वर्ग मीटर सख्या (कार/ दुपहिया) सेक्टर-51 6170 200/0 सेक्टर-76 एल वन 3997.77 120/32 सेक्टर-76 एल टू 6088.28 164/31 सेक्टर-101 1417 46/23 सेक्टर-101 1312 30/12 एनएसईजेड 3650 85/40 सेक्टर-83 5630 180/47 सेक्टर-137 5755 204/60 सेक्टर-142 5000 125/70 सेक्टर-143 3190 75/49 सेक्टर-144 4000 78/89 सेक्टर-145 4004 113/45 सेक्टर-146 2000 63/44 सेक्टर-147 4005.50 134/44 सेक्टर-148 2499 90/50 परीचौक 4401.50 143/113 डेल्टा वन 6004.51 194/53 अल्फा वन ग्रेनो प्राधिकरण

पीडी उपाध्याय (कार्यकारी निदेशक, एनएमआरसी) का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्रस्तावित एक्वा लाइन मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग की स्थित को एनएमआरसी की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है। किस स्टेशन पर कितनी पार्किंग उपलब्ध है। इसकी जानकारी लोगों को दे दी गई है।

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