एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर करते थे लूटपाट, दंपति समेत पांच गिरफ्तार

संक्षेप:

एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने के नाम पर देह व्यापार करने और ग्राहकों को लूटने वाले एक गिरोह 
पति दिव्यांश सोनी और तीन अन्य महिलाओं शरीफा खातून, मंजू और प्रमिला को गिरफ्तार किया

हर दिन 20 से 25 लोगों से बात करते थे

नोएडा। कोतवाली सेक्टर-24 पुलिस ने एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध कराने के नाम पर देह व्यापार कर रहे गिरोह को पकड़ा है। पुलिस ने देह व्यापार करने और ग्राहकों को लूटने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने सरगना रोशनी, पति दिव्यांश सोनी और तीन अन्य महिलाओं शरीफा खातून, मंजू और प्रमिला को गिरफ्तार किया है। इनके पास से लूट के 3500 रुपये, कार और पांच मोबाइल बरामद किए गए हैं।


आपको बता दें नोएडा जोन के डीसीपी राजेश एस. ने बताया कि पुलिस ने मंगलवार को सेक्टर-54 के पास से पांचों को गिरफ्तार किया है। यह लोग ऑनलाइन मेघा एस्कॉर्ट सर्विस चलाते थे। इसके जरिये ग्राहकों को लड़कियां उपलब्ध कराने का झांसा देते, फिर एक नियत स्थान पर बुलाकर लूटपाट करते थे। गिरोह दिल्ली, नोएडा समेत एनसीआर के अन्य शहरों में भी सक्रिय था। आरोपी कई वर्षों से यह काम कर रहे थे। डीसीपी ने बताया कि रोशनी और दिव्यांश मंडावली, दिल्ली के रहने वाले हैं। शरीफा खातून, बदरपुर दिल्ली जबकि मंजू और प्रमिला वल्लभगढ़, हरियाणा की रहने वाली हैं। यह लोग शाम 5 से सुबह 5 बजे तक वारदात करते थे।


जांच के वक्त पता चला कि गिरोह की ‘रिंग मास्टर’ है रोशनी ,एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि मूलरूप से असम की रहने वाली रोशनी गिरोह की ‘रिंग मास्टर’ है। पति दिव्यांश सक्रिय रुप से सहयोग करता था। एस्कॉर्ट सर्विस चलाने के दौरान ही दोनों की दोस्ती हुई थी बाद में शादी कर ली। एसीपी ने बताया कि इस धंधे में ‘रिंग मास्टर’ उसे कहा जाता है जिसका मोबाइल नंबर एस्कॉर्ट सर्विस की साइट पर ऑनलाइन ग्राहकों को मिलता है। कोई भी ग्राहक मेगा एस्कॉर्ट सर्विस को सर्च करता तो उस पर रोशनी का मोबाइल नंबर मिलता। रोशनी ग्राहकों से बात कर लड़कियों के कई फोटो भेजती और किसी को चुनने के लिए कहती। 

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इसके बाद बदमाश दूसरी लड़की को लेकर ग्राहक के पास ले जाते थे। पसंद की गई लड़की नहीं मिलने पर ग्राहक विरोध करता तो उसकी पिटाई कर नकदी, मोबाइल और अन्य सामान लूट लेते थे। अगर कोई इन लड़की को चुन लेता तो उसे एस्कॉर्ट सर्विस उपलब्ध करा देते थे। वहीं एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि आरोपी हर दिन 20 से 25 लोगों से बात करते थे, इसमें से 8 से 10 लोग झांसे में आकर सर्विस उपलब्ध कराने की मांग करते थे। आरोपी एक दिन 30,000 रुपये कमा लेते थे। पहली बार यह गिरोह पकड़ में आया है।

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