ये है नोएडा में जानलेवा प्रदूषण के प्रमुख कारण

संक्षेप:

  • केंद्रीय विज्ञान और पर्यावरण बोर्ड ने किया नोएडा प्रशासन को आगाह
  • पिछले साल के मुकाबले नोएडा के लोग ज्यादा सतर्क
  • प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का सहारा ले रहे हैं लोग

रिपोर्ट- सुनील कुमार

नोएडा: नोएडा में प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर से उपर पहुंच चुका है। लगातार लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। प्रदूषण का सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। प्रदूषण खासतौर से दमा के मरीजों के लिए जानलेवा बना हुआ है।

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वहीं नोएडा के लोग भी प्रदूषण से दो-दो हाँथ करने के लिए तैयार हैं। ज्यादातर लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल लोगों में जागरुकता बढ़ी है। लोगों का कहना है कि वो इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए तैयार हैं। लोग एहतियातन अपने बच्चों को ज्यादा बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं।

प्रदूषण के कारण

केंद्रीय विज्ञान और पर्यावरण बोर्ड ने प्रदूषण के आंकड़े जारी किये हैं। इसमे नोएडा और एनसीआर के लिए आंकड़े डरावने हैं। बोर्ड ने चेतावनी दी है कि जल्द ही इसको नियंत्रित नहीं किया गया तो परिणाम गंभीर होंगे।


प्रदूषण बोर्ड के मुताबिक नोएडा में 52% प्रदूषण औद्योगिक इकाइयों से हो रहा है। वहीं 36% प्रदूषण वाहनो से हो रहा है। डीजल जेनसेट से करीब 6% प्रदूषण फैल रहा है।
पर्यावरण में पर्टिक्यूलेट मैट्रिक की बात की जाये तो बोर्ड के मुताबिक एनसीआर के इलाके में 38% प्रदूषण सड़कों पर उड़ने वाली धूल-मिट्टी से हो रहा है। वहीं वाहनों से 20% प्रदूषण फैल रहा है। घरों से निकलने वाले कचरे या धूल मिट्टी से 12% प्रदूषण फैल रहा है।

जल्द रोका जाये

केंद्रीय विज्ञान और पर्यावरण बोर्ड ने इससे निपटने के लिए जल्द ही नोएडा एनसीआर इलाके में बाहरी भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। बोर्ड ने अपने दिशा निर्देशों में कहा है कि नोएडा प्रशासन को जल्द से जल्द पावर प्लांट, औद्योगिक इकाईयों पर लगाम लगाने को कहा है। इसके साथ ही बोर्ड ने प्रशासन को निर्माण कार्य और कूड़ा जलाने पर तत्काल रोक लगाने को कहा है।

प्रशासन को आदेश

बोर्ड ने दिल्ली एनसीआर के प्रशासन से जल्द से जल्द पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ाने को कहा है। इसके अलाव टूटी-फूटी सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत करवाने के आदेश दिये हैं। साथ ही प्रदूषण बोर्ड ने ये भी कहा जिन एजेंसियों पर शहर में धूल-मिट्टी को कम करने की जिम्मेदारी है अगर वो अपना काम नहीं कर रहीं हैं, तो प्रशासन उन पर भी भारी जुर्माना लगाये। शहर में सिर्फ जरूरी जनरेटरों को चलाने की अनुमति दी जाये। बाकि जनरेटरों को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाये।

उल्लंघन करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई

बोर्ड ने प्रशासन को तल्ख शब्दों में कहा है कि कूड़ा जलाने वालों से प्रशासन निर्ममता से निपटे। बोर्ड ने ये भी कहा कि प्रशासन ये सुनिश्चत करे कि कोई इन नियमों का उल्लघंन करने की कोशिश भी न करे। अगर कोई उल्लंघन करता पाया जाये तो उसके खिलाफ भारी जुर्माना भी लगाया जाये।

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