नोटबंदी के दो साल पूरे: मनमोहन सिंह ने साधा निशाना, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया मकसद

संक्षेप:

  • नोटबंदी के दो साल पूरे
  • मनमोहन सिंह ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया मकसद

आज नोटबंदी की दूसरी सालगिरह है, 9 नवंबर को 2016 को आज ही प्रधानमंत्री ने शाम में 500 और एक हजार रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था।

दो साल पूरा होने के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि 2016 के इस फैसले ने जो घाव दिए वे भरे नहीं हैं बल्कि समय के साथ ये घाव और गहरे हो रहे हैं। जबकि कांग्रेस नोटबंदी के फैसले के खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था को `चोट पहुंचाने` के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, `मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह आर्थिक नीतियों में विश्वसनीयता एवं पारदर्शिता रखे। आज के दिन हम याद कर सकते हैं कि कैसे एक गलत आर्थिक फैसला देश को लंबे समय तक दुर्दिन में डाल सकता है।` मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी के असर से छोटे और मध्यम उद्योग अभी भी उबर नहीं पाए हैं। नोटबंदी ने नॉन-बैंकिंग, वित्तीय मार्केट की सेवाओं और युवाओं के रोजगार पर सीधा असर डाला।

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पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, `नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2016 में जो नोटबंदी की, आज उसके दो साल हो गए हैं। इस नोटबंदी को बिना सोचे-समझे लागू किया गया। इसने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज पर बुरा प्रभाव डाला। इसके नकारात्मक नतीजे अब चारों तरफ दिख रहे हैं।` मनमोहन सिंह ने कहा, `नोटबंदी ने उम्र, जाति, मजहब, पेशा यहां तक कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित किया। यह अक्सर कहा जाता है कि समय के साथ चीजें ठीक हो जाती हैं लेकिन नोटबंदी के मामले में दुर्भाग्यवश इसके नकारात्मक नतीजे और प्रभावी होकर सामने आ रहे हैं।`

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के कदम को ‘विपदा’करार दिया है।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले जब इसका ऐलान किया था वह तभी से इसे ‘काला दिन’कहती आ रही हैं। एक ट्वीट में ममता ने कहा, ‘आज नोटबंदी विपदा को दो साल हो गए। मैं ऐसा तब से कह रही हूं, जब से इसकी घोषणा की गई थी।’ उन्होंने कहा, ‘प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, आमजन और सभी विशेषज्ञ अब इससे सहमत हैं।’

वहीं इस मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के समर्थन में एक ब्लॉग लिखा है. जेटली के मुताबिक, नोटबंदी से ब्लैक मनी पर लगाम लगी है साथ ही टैक्स का दायरा भी बढ़ा है. उन्होंने लिखा है, `नोटबंदी सरकार के अहम फैसलों की एक कड़ी है जो अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए ज़रूरी है`.

जेटली के मुताबिक, नोटबंदी के बाद टैक्स चोरी करना मुश्किल हो गया है. उन्होंने लिखा है, `नोटबंदी की लोग ये कहते हुए आलोचना कर रहे हैं कि लगभग सारा कैश बैंकों में वापस आ गया. लेकिन नोटबंदी के सहारे हमारा मकसद सिर्फ कैश को ज़ब्त करना नहीं था. हम चाह रहे थे कि लोग टैक्स के दायरे में आए. हमें कैशलेस इकॉनमी से डिजिटल लेन-देन की दुनिया में आना था. नोटबंदी से ज़्यादा टैक्स रेवेन्यू जमा करने और टैक्स बेस को बढ़ाने में मदद मिल रही है.

जेटली ने ब्लॉग में लिखा है कि वित्त वर्ष 2018-19 (31-10-2018) तक जो पर्सनल इनकम टैक्स जमा हुए हैं, वो पिछली बार के मुकाबले 20.2% ज़्यादा है. कॉर्पोरेट टैक्स 19.5% ज़्यादा जमा हुए हैं. इसके अलावा डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन भी 6.6% और 9% हो गया है.

जेटली के मुताबिक, टैक्स चोरी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों की कर्ज देने की ताकत भी बढ़ गई है. काफी सारा पैसा म्यूचुअल फंड में भी जमा हुआ है.

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