Manohar Parikkar: सादगी के मिसाल थे परिर्कर, अंतिम दम तक रहे ऑन ड्यूटी

संक्षेप:

  • गोवा(Goa) के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर(Manohar Parikkar)का कैंसर से लंबी जंग के बाद निधन हो गया
  • आम आदमी के असली पोस्टर ब्वॉय थे मनोहर पर्रिकर
  • सादगी इतनी की गार्ड ने सीएम मानने से किया इंकार

पणजी: गोवा(Goa) के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर(Manohar Parikkar)का कैंसर से लंबी जंग के बाद निधन हो गया. वह ऐसे पहले मुख्यमंत्री थे जो आईआईटी से पढ़कर निकले थे. आईआईटी बॉम्बे (IIT Mumbai)में वह मेस सेक्रटरी थे. उनके साथी बताते हैं कि वह छात्रों और मेस वर्कर्स के साथ बेहद कड़ाई से पेश आते थे. हॉस्टल में उनके साथ रहे उनके जूनियर और दोस्त बकुल देसाई याद करते हैं कि एक बार उन्होंने खुद पर ही जुर्माना लगा लिया था.

जब खुद पर पर्रिकर (#ManoharParikkar) ने लगाया था फाइन

देसाई ने बताया कि पर्रिकर (Manohar Parikkar) अकाउंट्स को लेकर बेहद सख्त थे. वह हिसाब सफाई से रखते थे. उनका एक ही मकसद था कि छात्रों के लिए बिल को कैसे कम किया जाए. देसाई याद करते हैं कि जब वह पहली बार 1978 में वह कॉलेज पहुंचे थे तब पर्रिकर (Manohar Parikkar) ने उन्हें रैगिंग से बचाया था और तभी दोनों में दोस्ती हो गई थी. देसाई बताते हैं कि पर्रिकर नियमों को लेकर इतने सख्त थे कि एक बार उनके रिश्तेदार ने परिसर से फूल तोड़ा तो पर्रिकर (Manohar Parikkar) ने खुद पर ही फाइन लगा लिया था.

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पूरे हॉस्टल के लिए बनाया खाना

कुछ वक्त पहले आईआईटी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए पर्रिकर (Manohar Parikkar) ने अपने हॉस्टल के दिन याद किए थे. देसाई एक किस्सा बताते हैं- `मेस वर्कर्स ने एक दिन लंच टाइम में हड़ताल पर जाने का फैसला किया. पर्रिकर उस वक्त 40 लड़कों के साथ मेस में पहुंचे और पूरे हॉस्टल के लिए खाना बनाया. वह दुनिया का सबसे अच्छा खाना था. उस घटना के बाद वर्कर्स काम पर लौट आए थे. एक बार पर्रिकर ने मेस वर्कर्स को अपनी लुंगी में आलू, प्याज और टमाटर चुराकर ले जाते हुए पकड़ लिया था.

होटल में गार्ड ने अंदर जाने से रोका

दिवंगत पर्रिकर निजी जिंदगी में कितने सरल थे इसकी बानगी आपको यहां बताते हैं. पर्रिकर (Manohar Parikkar) किसी भी समारोह में साधारण कपड़ों के साथ पहुंच जाते थे. एक ऐसा ही किस्सा है कि वह एक पांच सितारा होटल में किसी आयोजन में हिस्सा लेने गए थे. यहां भी वह साधारण कपड़ों के साथ और चप्पल पहने पहुंच गए थे. जब वह होटल के गेट पर पहुंचे तब गार्ड ने उन्हें रोक दिया. तब पर्रिकर (Manohar Parikkar)गोवा के सीएम थे. दरअसल, गार्ड पर्रिकर को पहचान नहीं पाया. तब पर्रिकर ने कहा कि वह गोवा के सीएम हैं, तब जाकर उन्हें होटल में प्रवेश मिला.

आम आदमी के असली `पोस्टर बॉय` थे मनोहर पर्रिकर

मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर(Manohar Parikkar) की जिंदगी 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा एक मध्यमवर्गीय परिवार से शुरू हुई. सामान्य परिवेश से निकलर उन्होंने आईआईटी मुंबई से शिक्षित होने से लेकर गोवा के मुख्यमंत्री, रक्षा मंत्री और फिर गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर आखिरी सांस ली. पर्रिकर की जिंदगी एक आम आदमी के पोस्टर बॉय बनने की कहानी की जबरदस्त मिसाल है.

सादगी इतनी कि गार्ड ने सीएम मानने से किया इनकार

देसाई बताते हैं कि गोवा का मुख्यमंत्री रहते हुए भी पर्रिकर बेहद सादा जीवन जीते थे. देसाई याद करते हैं, `उन्होंने एक बार बताया था कि 2002 में उन्हें एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था क्योंकि उनके पास टिकट नहीं था। उनका टिकट प्रोटोकॉल ऑफिसर के पास था जो टिकट काउंटर पर था लेकिन सिक्यॉरिटी गार्ड ने उन्हें रोका और यह मानने से इनकार कर दिया कि वह गोवा के सीएम हैं. गार्ड ने अपने सीनियर्स को बताया था कि पर्रिकर रिक्शे से आए थे और अपना सामान खुद ही ले जा रहे थे.

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