रमजान में करें गाय के दूध के सेवन, जानें क्या होंगे फायदे

संक्षेप:

  • रोजों की अवधि लगभग 16 घंटे हैं
  • 16 घंटे भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते हैं
  • शरीर में इलेक्ट्रोलाइट-इमबैलेंस हो जाता हैं

रमजान का पाक महीना शुरु हो चुका है। बाजारों में रोजा रखने वालों के लिए तरह-तरह के व्यंजन भी मिलते हैं। लेकिन रमजान के महीना भी मई की तपती गर्मी में शुरु हुआ है और जैसे-जैसे रोजा आगे बढ़ते जाएंगे गर्मी की तपिश भी और बढ़ती जाएगी। वहीं सबसे खास बात ये है कि इस बार रोजों की अवधि लगभग 16 घंटे हैं। इसका मतलब 16 घंटे बिना पानी के अपनी नफ्स को काबू में करके खुदा की इबादत में रहना है। इसके साथ-साथ एक महीना यानी 30 दिन तक अपनी सेहत का भी ख्याल रखना है, ताकि सारे रोजे मुकम्मल करने में कोई जिस्मानी परेशानी का या स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या का शिकार न होना पड़े और ताकि रोजे तर्क न होने पाएं।

आमतौर पर देखा गया है कि रमजान में लोग खान-पान में गरिष्ठ भोजन का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, मगर इस बार शिद्दत की गर्मी में पड़ने वाले रमजान में यदि आप खान-पान में जरा सी चूक कर गए और सावधानी से काम न लिया तो रोजेदारों को स्वास्थ्य संबंधी बड़ी मुश्किलात का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टरों की मानें तो अगर हम 16 घंटे भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते हैं और साथ-साथ 20 रकत तराबीह की भी ईशा की नमाज के बाद अदा करते हैं तो हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट-इमबैलेंस हो जाता है और जिस्म के अंदुरूनी ऑर्गन की क्रयाशीलता में सामान्य दिनों की अपेक्षा काफी कमी आ जाती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए  सबसे सरल और आसान तरीका गाय के दूध का सेवन है।

आपको बताते चलें की गाये के दूध के सेवन से किस प्रकार हमारे शरीर मे 16 घंटे के रोजे के दौरान आयई न्यूट्रीशंस, कैल्शियम और इलेक्ट्रो लाइट की कमी को दूर किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह सेहरी में 1 गिलास गाय के दूध के सेवन से पूरे दिन आपका पेट स्वच्छ रहेगा और गैस सम्बन्धी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। गाय के दूध में वसा (फैट) की मात्रा बहुत कम होने की वजह से हार्ट संबंधी समस्या से ग्रसित रोजेदारों को भी रोजे रखने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। गाय के दूध में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होने से अफ्तार के बाद और तराबीह से पहले अगर 1 गिलास हल्का ठंडा दूध ले लिया जाए तो घुटनों, कमर और टखनों के दर्द से दूर रहेंगे।

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नहीं होगी थकान
इतना ही नहीं गाय के दूध में ओमेगा फैटी एसिड होने की वजह से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहेगा और पूरे दिन थकान महसूस नहीं होगी। अक्सर डायबिटीज के मरीज रोजे रखने से परहेज करते हैं, मगर गाय के दूध के सेवन से खाली पेट होने के बावजूद भी शुगर लेवल नियन्त्रित रहेगा। अपेक्षाकृत डायबिटीज के मरीजों को गाय का दूध पहले से पीने की आदत हो तो बेहतर है।

गाय के दूध में प्रचुर मात्रा मे प्रोटीन होने के कारण मांसाहारी भोजन से बचा जा सकता है, जिससे शरीर में प्रोटीन की कमी भी पूरी होगी और वजन भी नहीं बढ़ेगा। गाय के दूध में विटामिन ई, सेलेनियम और जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसके सेवन से 16 घंटे के रोजे की कमजोरी का एहसास नहीं होगा और रोजेदार तरोताजा महसूस करेगा।

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