Bharat Petroleum, SCI और Concor में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, कैबिनेट ने दी मंजूरी

संक्षेप:

  • सरकार ने बुधवार को निजीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया.
  • मोदी कैबिनेट ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL), भारतीय जहाजरानी निगम (SCI) और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Concor) में सरकारी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी.
  • साथ ही चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी को 51 फीसदी से नीचे लाने को मंजूरी दी है.

नई दिल्ली: सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम पर आगे बढ़ते हुए बुधवार को भारतीय पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), शिपिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसीआई), कोनकोर , टेहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलमेट कार्पोरेशन (टीएचडीसीआईएल) और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है।

सरकारी कंपनी को बेची जाएगी असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इन सरकारी उपक्रमों में विनिवेश का तरीका अलग अलग होगा। उन्होंने कहा कि असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से अधिक है और इसको इस विनिवेश से पहले बीपीसीएल से अलग कर दिया जाएगा। नुमालीगढ़ रिफाइनरी की हिस्सेदारी तेल एवं गैस क्षेत्र की किसी सरकारी कंपनी को ही बेची जाएगी और इस प्रकार यह कंपनी सार्वजनिक उपक्रम बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी 53.29 प्रतिशत है। रणनीतिक खरीदार को यह हिस्सेदारी स्थानातंरित की जाएगी।

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Concor में से 30.80 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जाएगी

सीतारमण ने कहा कि शिपिंग कॉरपोरेशन में सरकार की हिस्सेदारी 63.75 प्रतिशत है जिसका विनिवेश किया जाएगा। कोनकोर में 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 24 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार के पास रहेगी लेकिन 30.80 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक निवेशक किया जाएगा। नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर की शत प्रतिशत हिस्सेदारी और टीएसडीसीआईएल की 74.23 प्रतिशत हिस्सेदारी एनटीपीसी खरीदेगी। इन पांचों कंपनियों का प्रबंधन नियंत्रण विनिवेश के बाद सरकार के पास नहीं रह जाएगा।

चुनिंदा पीएसयू में 51 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी करेगी सरकार

उन्होंने बताया कि सरकार ने कुछ चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से भी कम करने का भी निर्णय लिया है लेकिन प्रबंधन अपने पास ही रखेगी। उन्होंने बताया कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कंपनी कर और न्यूनतम वैकल्पिक कर में दी गई छूट को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही गिफ्ट सिटी में बनने वाले यूनिफाइड ऑथिरिटी के संबंध में भी निर्णय लिए गए हैं। इसमें एक अध्यक्ष और आठ सदस्य होंगे।

SCI में पूरी हिस्‍सेदारी बेचेगी सरकार

मंत्रिमंडल ने एससीआई में सरकार की पूरी 63.75 फीसदी हिस्सेदारी तथा कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 30.9 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को भी मंजूरी दे दी. सरकार की कॉनकार में फिलहाल 54.80 फीसदी हिस्सेदारी हैं. मंत्री ने कहा कि इसके अलावा सरकार टीएचडीसी इंडिया तथा नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लि. (एनईईपीसीओ) में सरकार की हिस्सेदारी को सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी लि. को बेच दिया जाएगा.

IOC में भी 51 फीसदी से नीचे जाएगी हिस्‍सेदारी

सरकार ने इसके साथ ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से नीचे लाने को मंजूरी दे दी. हालांकि, इनमें प्रबंधन नियंत्रण यानी मैनेजमेंट कंट्रोल सरकार अपने पास ही रखेगी. विनिवेश की जाने वाली कंपनी की हिस्सेदारी दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचे जाने के आधार पर सरकार का उस इकाई में प्रबंधन नियंत्रण होगा. सरकार की फिलहाल आईओसी में 51.5 फीसदी हिस्सेदारी है. इसमें 25.9 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी के पास तथा ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) तथा ऑयल इंडिया लि. के पास है. सरकार 26.4 फीसदी हिस्सेदारी करीब 33,000 करोड़ रुपये में बेच सकती है.

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