निठारी कांड- 11 साल में भूत बंगला बन गयी पंढेर की कोठी

  • Monday | 24th July, 2017
  • crime
संक्षेप:

  • मोनिंदर सिंह पंढेर का घर बन गया है हॉनटेड हाउस
  • इस घर के पास जाने से भी कतराते हैं लोग
  • 17 बच्चों की मौत का गवाह बनी कोठी D-5

नोएडा । देश को दहला देने वाला सबसे सनसनीखेज निठारी हत्याकांड एक बार फिर लोगों के ज़हन में ताज़ा हो गया है। दिसंबर 2006 में निठारी कांड के खुलासे ने लोगों को ‌हिलाकर रख दिया था। यह एक ऐसा कांड था, जिसके खुलते ही देश भर में हलचल मच गई थी। मामले में आरोपी नौकर को सजा हो गर्इ। वहीं 11 साल बाद निठारी की वारदात वाली कोठी डी-5 का NYOOOZ ने जायजा लिया। इसमें आप देख सकते हैं कि यह कोठी अब भूत बंगले में तबदील हो गर्इ है। इसके चारों ओर कुड़ा जमा है, लेकिन इसके सामने से गुजरने वाले लोग आज भी इसे देख सहम उठते हैं।

जंगली बेलों और झाड़ियों ने दिया भूतिया लुक
निठारी कांड के बाद लोग इस कोठी को उसके ब्लॉक ऑर नंबर डी-5 से जानने लगे है। डी-5 का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के जहन में निठारी कोठी का चित्र आ जाता है, लेकिन आज यह कोठी पेड़ पौधों के बीच ढ़क चुकी है। यहां लगी बेरिकेडिंग भी जंग खा चुकी है, अक्सर लोग इस कोठी के पास अपने बच्चों को खेलना तो दूर उसे यहां से गुजरने से रोक देते हैं।

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कोठी के आसपास कूड़े का अम्बार
इस कोठी के अंदर से लेकर सामने तक कुड़ा करकट जमा हो गया है। कोठी के सामने स्थित नाला भी ब्लॉक है। लोग इसके पास तक नहीं आते। हां कुछ लोग इसे वाहनों की पार्किंग के लिए इस्तेमाल जरूर करते हैं। कोठी के गेट से लेकर उसके सामने तक इसी तरह के वाहनों की लाइन लगी है।

पंढेर और कोली को फांसी की सज़ा
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने निठारी कांड से जुड़े 8वें केस में आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को फांसी की सज़ा सुनाई गयी है। तीन दिन पहले निठारी कांड में गाजियाबाद की सीबीआई की विशेष अदालत ने मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को युवती की हत्‍या सहित अन्‍य मामलों में दोषी करार दिया था।

निठारी कांड के बाद मोनिंदर सिंह पंढ़ेर ने कोठी नम्बर डी-5 को कई बार बेंचने की कोशिश की। इसके लिए उनके लोगों ने कई डीलर्स से भी सम्पर्क किया। पंढेर इस कोठी को जल्द से जल्द बेचना चाहता है। इसीलिए इस कोठी को कौड़ियों के दाम पर भी बेचने को तैयारी है। इस कोठी से जुड़ी खौफनाक कहानियां किसी को भी इसे खरीदने के लिए राज़ी नहीं होने दे रही हैं।

हम आपको बताने जा रहा है वो कडु़आ सच जिसको सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। निठारी कांड की तफ्तीश में जांच एजेंसीज़ के सामने एक बात खुलकर सामने आयी कि पंढेर रेगुलर कॉल गर्ल्स को अपनी कोठी पर बुलाकर अय्याशी करता था। लेकिन सुरेंद्र कोली के पास कुंठित होने के अलावा कोई चारा नहीं था। वो कॉल गर्ल्स को बेहद हवस भरी निगाहों से देखता था। इसका खुलासा एक कॉल गर्ल ने किया। इस कॉल गर्ल ने कोर्ट में जाकर बकायदा कोली के खिलाफ बयान दिया था। हालाकि इसकी कोशिश पंढेर को बचाने की थी लेकिन जो कुछ उसने सुरेंद्र कोली के बारे में बयान किया वो किसी भी लड़की के लिए बेहद खौफनाक है। इस कॉलगर्ल का कहना था कि उसने कई बार इसकी शिकायत पंढेर से भी की थी लेकिन पंढेर ने अनदेखा कर दिया।

समय गुज़रता गया और हवस की भूख पूरी नहीं होने के कारण कोली हैवान बन गया। वो लड़कियों को मारने के बाद उनके मुर्दा जिस्म के साथ सेक्स करता था। ये सच कभी दुनिया के सामने नहीं आता अगर पायल नाम की लड़की पंढेर के घर से गायब नहीं होती और उसको पंढेर के घर रिक्शे से पहुंचाने वाला शख्स सबको सच नहीं बनाता।

निठारी कांड में गाजियाबाद की सीबीआई की विशेष अदालत ने मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को युवती की हत्‍या सहित अन्‍य मामलों में दोषी ठहरा दिया है। ऐसे में 24 जुलाई को सुनाई जाने वाली सजा के संबंध में संभावना जताई जा रही है कि दोनों दोषियों को सज़ा-ए-मौत भी दी जा सकती है। साल 2006 में नोएडा का निठारी गांव कोठी नंबर डी-5। यहां से जब नरकंकाल मिलने शुरू हुए, तो पूरे देश में सनसनी फैल गई थी। सीबीआई को जांच के दौरान मानव हड्डियों के हिस्से और 40 ऐसे पैकेट मिले थे, जिनमें मानव अंगों को भरकर नाले में फेंक दिया गया था। कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को पुलिस ने धर दबोचा।

पायल ने खोली पंढेर और कोली की पोल
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब 7 मई 2006 में पायल नाम की लड़की लापता हो गई थी। वह मोनिंदर पंढेर की कोठी में रिक्शे से आई थी। उसने रिक्शेवाले को कोठी के बाहर रोका और वापस आकर पैसे देने की बात कही थी। काफी देर बाद जब वह वापस नहीं लौटी तो रिक्शेवाला पैसे लेने के लिए कोठी का गेट खटखटाया। इस पर उसे सुरेंद्र कोली ने बताया कि पायल काफी देर पहले जा चुकी है। रिक्शेवाले का कहना था कि वह कोठी के सामने ही था, पायल बाहर नहीं निकली। यह बात पायल के घरवालों तक पहुंची। इसके बाद पायल के पिता नंदलाल ने FIR लिखवाई कि उसकी बेटी कोठी से गायब हो गई। पुलि‍स पूरी तरह जांच में जुट गई।

नंदलाल लगातार पुलिस पर खोजबीन का दबाव बना रहे थे। इससे पहले निठारी से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे गायब हो चुके थे। पुलिस को जानकारी मिली कि पायल के पास एक मोबाइल फोन था। जो घटना के बाद से स्विच ऑफ था। पुलिस ने उस नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई, तो मुंबई से लेकर तमाम जगहों के नंबर मिले। उन नंबरों की जांच की गई, जिसमें सुराग मिल गए। उसके आधार पर पुलिस ने कोठी पर छापा मारा। इस तरह से निठारी के नर पिशाच का काला सच सबके सामने आ गया.

नर पिशाच की अनसुनी दास्तान
निठारी का नर पिशाच सुरेंद्र कोली उत्तराखंड के अल्‍मोड़ा के एक गांव का रहने वाला है. सन् 2000 में वह दिल्‍ली आया था। दिल्ली में कोली एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था. बताते हैं कि वह काफी स्‍वादिष्‍ट खाना बनाता था। सन् 2003 में मोनिंदर सिंह पंढेर के संपर्क में सुरेंद्र कोली आया. उसके कहने पर नोएडा सेक्टर-31 के डी-5 कोठी में काम करने लगा। 2004 में पंढेर का परिवार पंजाब चला गया. इसके बाद वह और कोली साथ में कोठी में रहने लगे थे।

कॉलगर्ल का पंढेर से कनेक्शन
पंढेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल आया करती थीं। इस दौरान वह कोठी के गेट पर नजर रखता था। इस दौरान कोली धीरे-धीरे नेक्रोफीलिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित होता गया। बच्चों के प्रति आकर्षित होने लगा। आरोप है कि वह कोठी से गुजरने वाले बच्चों को पकड़ कर उनके साथ कुकर्म करता और फिर उनकी हत्या कर देता। हालांकि, निठारी गांव के लोगों का कहना है कि पंढेर की कोठी से शरीर के अंगों का व्यापार होता था। उनका कहना है कि वे बच्चों को मारकर उनके अंग निकाल लेते थे। उसे विदेशों में बेंचा जाता था। सुरेंद्र कोली इस समय जेल में है। गाजियाबाद की सीबीआई की विशेष अदालत ने मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को युवती की हत्‍या सहित अन्‍य मामलों में दोषी ठहराया है।

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